गैर जीवन बीमा उद्योग ने सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आमदनी (जीडीपीआई) में 2036-37 तक सालाना 14-15 प्रतिशत वृद्दि का अनुमान जताया है। इसका कारण बढ़ती जागरूकता, वितरण चैनल का मजबूत होना, बीमा व स्वास्थ्य बीमा का बढ़ता दायरा और उद्योग में धोखाधड़ी का रुकना है। यह जानकारी उद्योग ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को मंगलवार को बैठक के दौरान दी थी।
इस बैठक में सामान्य बीमा कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारीगण, सामान्य बीमा परिषद के सदस्य और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी उपस्थित थे। गैर जीवन बीमा उद्योग मार्च, 2023 तक सालाना आधार पर 16.41 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
भारत में सामान्य बीमा की पहुंच कम है और यह वित्त वर्ष 21 में केवल एक प्रतिशत था जबकि एशिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं जैसे ताइवान (3.4 फीसदी) और दक्षिण कोरिया (5.2 प्रतिशत) था।
बीमा उद्योग के मुख्य कार्याधिकारियों ने इस क्षेत्र की वृद्दि नियमित नहीं होने के पीछे मुख्य कारण बीमा के प्रति जागरूकता का अभाव बताया था। इस क्षेत्र में वृद्दि को तेज गति से बढ़ाने के लिए वितरण चैनल को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल तकनीक का खास तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
इस बैठक के दौरान सामान्य बीमा कंपनियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के निरंतर नोटिस जारी होने पर भी चर्चा हुई थी। उद्योग ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए जीएसटी दरों में बदलाव और विवादों के त्वरित समाधना के लिए सरकार की मदद के महत्त्व पर प्रकाश डाला।