दलाल स्ट्रीट के विश्लेषकों का मानना है कि अगर गुजरात सरकार द्वारा गैस पर लगने वाले वैट (VAT) में कटौती की खबर सही साबित होती है, तो इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) और महानगर गैस लिमिटेड (MGL) को जबरदस्त फायदा हो सकता है। दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात सरकार ने अब तक 15 प्रतिशत लगाए जाने वाले वैट की जगह सिर्फ 2 प्रतिशत सेंट्रल सेल्स टैक्स (CST) लागू किया है। इसका मतलब है कि गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को लगभग 13 प्रतिशत टैक्स की सीधी बचत मिलेगी।
यह टैक्स IGL और MGL जैसी कंपनियों पर इसलिए लागू होता था क्योंकि वे गुजरात से गैस खरीदकर दिल्ली और मुंबई जैसे राज्यों में बेचती हैं। इनमें APM (Administered Price Mechanism) गैस और NWG (New Well Gas) दोनों शामिल हैं। वहीं, गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) को पहले से टैक्स का पूरा रिफंड मिल जाता था क्योंकि वह अपनी गैस राज्य के भीतर ही बेचती है। अब जब यह नया टैक्स रेट 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया है, तो विश्लेषकों का मानना है कि IGL और MGL की आमदनी और मुनाफे में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
हालांकि खबर आने के बाद निवेशकों ने हालिया तेजी के बाद मुनाफा वसूली शुरू कर दी। बुधवार को IGL का शेयर बीएसई पर करीब 1.1 प्रतिशत गिर गया, जबकि मंगलवार को इसमें 5.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई थी। MGL के शेयर में भी 1.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि एक दिन पहले यह 2.3 प्रतिशत ऊपर गया था। वहीं, इस दौरान सेंसेक्स में भी करीब 0.2 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई।
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस नोमुरा का अनुमान है कि टैक्स कटौती से IGL को ₹1.36 प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (scm) तक का फायदा हो सकता है, जिससे कंपनी का ईबिट्डा (Ebitda – यानी ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन से पहले की कमाई) करीब 22 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, बशर्ते कंपनी यह लाभ ग्राहकों तक पास न करे। नोमुरा ने IGL पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है और ₹225 का टारगेट प्राइस तय किया है। वहीं, MGL को ₹0.36 प्रति scm का फायदा और करीब 4 प्रतिशत की कमाई वृद्धि का अनुमान है। इस स्टॉक पर नोमुरा ने ‘बाय’ रेटिंग देते हुए ₹1,580 का टारगेट प्राइस तय किया है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमान है कि IGL की ईबिट्डा मार्जिन में ₹0.9 प्रति scm और MGL की मार्जिन में ₹0.3 प्रति scm की बढ़त हो सकती है। फर्म का कहना है कि टैक्स घटने से IGL का शुद्ध लाभ (PAT) FY26 से FY28 तक करीब 8 से 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वहीं, गुजरात गैस को इसका कोई सीधा फायदा नहीं होगा।
टैक्स राहत के अलावा, विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और जोनल टैरिफ सुधार भी सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों के लिए सकारात्मक साबित होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में LNG (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) की सप्लाई बढ़ने की वजह से गैस की कीमतों में और कमी देखने को मिल सकती है।
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मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (Q2FY26) में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत $69 प्रति बैरल रही, जो FY26 में $65 और FY27 में $60 प्रति बैरल तक रह सकती है। उनका अनुमान है कि हर $5 प्रति बैरल की गिरावट से प्राकृतिक गैस की लागत ₹2.5 प्रति scm घटती है। साथ ही, नए लॉन्ग टर्म गैस कॉन्ट्रैक्ट भी 1.0 से 1.3 प्रतिशत कम प्राइस स्लोप पर साइन हो रहे हैं, जिससे इन कंपनियों को और राहत मिलेगी।
मोतीलाल ओसवाल ने इस सेक्टर पर बुलिश रुख बनाए रखते हुए IGL पर ₹250 और MGL पर ₹1,700 का टारगेट प्राइस तय किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स कटौती और कच्चे तेल की घटती कीमतों के कारण आने वाले महीनों में इन दोनों कंपनियों की कमाई और शेयरों में अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है।