Image- Paytm
पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) पर RBI के एक्शन के बाद से देश की नामी फिनटेक कंपनियों में से एक वन 97 कम्युनिकेशंस यानी पेटीएम ( One97 Communications or Paytm) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। वहीं दूसरी तरफ, RBI पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द करने या उसका बोर्ड खत्म करने पर विचार कर रहा है। इस बीच, देश भर के किराना दुकानदार एक सुर में ग्राहकों से कह रहे हैं पेटीएम न करो! भारत में करीब 42 फीसदी किराना दुकानों ने पेटीएम से दूरी बना ली हैं और अन्य मोबाइल पेमेंट ऐप का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को जारी किराना क्लब (Kirana Club) के एक सर्वे के मुताबिक, पिछले हफ्ते पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ RBI के प्रतिबंधों के बाद, भारत में 42 फीसदी किराना स्टोर्स पेटीएम से दूर चले गए हैं और अन्य मोबाइल पेमेंट ऐप का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इस सर्वे में 5,000 किराना दुकानदारों से बात की गई है।
किराना क्लब के सर्वे के मुताबिक, लगभग 20 फीसदी ने कहा कि वे अन्य पेमेंट ऐप्स का उपयोग करने का इरादा रखते हैं। सर्वे में कहा गया है कि RBI के एक्शन के बाद 68 फीसदी भारतीय किराना स्टोर्स का पेटीएम पर भरोसा कम हो गया है।
सर्वे में पेटीएम के संबंध में स्थानीय खुदरा विक्रेताओं (local retailers) के बीच विश्वास के बारे में एक और स्पष्ट निष्कर्ष सामने आया। यह बताता है कि RBI के प्रतिबंधों के बाद 68 फीसदी भारतीय किराना दुकानों में पेटीएम पर भरोसा कम हो गया है।
किराना क्लब के फाउंडर और सीईओ अंशुल गुप्ता ने कहा, “RBI द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से किराना स्टोरों में थोड़ी दिक्कत हो सकती है, मगर वे ज्यादा चिंतित नहीं हैं क्योंकि पेमेंट के कई अन्य ऑप्शन उपलब्ध हैं।
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सर्वे बताता है कि जो खुदरा विक्रेता पेमेंट के लिए अन्य ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, उनमें से 50 फीसदी विक्रेताओं ने फोन पे (PhonePe) का रुख किया है। जबकि 30 फीसदी ने गूगल पे (Google Pay) और 10 फीसदी ने भारत पे (BharatPe) को अपनाया है।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) को अपने अकाउंट्स और डिजिटल वॉलेट में 1 मार्च से नई जमाएं स्वीकार करने से प्रतिबंधित कर दिया था। तब RBI ने अपने नोटिस में कहा था कि PPBL के खिलाफ कार्रवाई अपने ग्राहक को जानें (KYC) नियमों के व्यापक तौर पर उल्लंघन से धनशोधन (Money Laundering) की चिंता को देखते हुए की गई थी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी बैठक (MPC Meet) के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ उठाया गया कदम नियामक मुद्दों के कारण नहीं बल्कि अनुपालन मुद्दों के कारण था।”
दास ने कहा कि पेटीएम मामले को लेकर व्यवस्था के बारे में चिंता की कोई बात नहीं, हम केवल भुगतान बैंक की बात कर रहे हैं। दास ने आगे कहा यदि सभी चीजों का अनुपालन किया गया होता, तो केंद्रीय बैंक किसी रेगुलेशन वाली इकाई के खिलाफ कार्रवाई क्यों करता।
इसके अलावा RBI के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने कहा कि ‘‘लगातार गैर-अनुपालन’’ के लिए पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की गई। साथ ही सुधारात्मक कार्रवाई के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया। उन्होंने बताया कि पेटीएम और RBI के बीच कई द्विपक्षीय बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि इस फैसले का प्रभाव पेटीएम ऐप पर नहीं होगा।