वित्त-बीमा

माइक्रोफाइनैंस लोन 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हुआ

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अभिजित लेले   
Last Updated- May 29, 2023 | 10:55 PM IST

भारत में माइक्रोफाइनैंस ऋण मार्च, 2023 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हो गया। ऋण की वृद्धि को संशोधित नियामकीय मानदंडों और उच्च मांग से समर्थन मिला। औद्योगिक निकाय ‘सा-धन’ के मुताबिक 90 दिन से अधिक के ऋण में गिरावट आने के कारण परिसंपत्ति गुणवत्ता में भी सुधार आया है। यह एक साल पहले मार्च में 2.43 फीसदी थी और इस वर्ष मार्च में गिरकर 1.06 फीसदी पर आ गई।

सा-धन के कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी जिजी मैमेन ने कहा कि इस वृद्धि को व्यापक नजरिये से देखा जाए तो यह उद्योग कोविड के प्रभावों से उबर गया है और अब प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

नए नियामक मानदंडों ने कारोबार के लिए बेहतर अवसर मुहैया करवाए हैं और यह गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) और माइक्रो वित्त संस्थान के रूप में कार्यरत गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी-एमएफआई) के पोर्टफोलियो विकास से उजागर हुआ।

बैंकों के अलावा (लघु वित्त बैंक) के अलावा अन्य सभी प्रकार के संस्थानों ने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की। एनबीएफसी-एमएफआई समूह ने 37 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की व पोर्टेफोलियो 1.39 लाख करोड़ रुपये हुआ। लघु वित्त बैंकों ने 19.03 फीसदी वृद्धि दर्ज कर उधारी बही खाते में 58,431 करोड़ रुपये दर्ज किए।

First Published : May 29, 2023 | 10:55 PM IST