वित्त-बीमा

जनवरी में तेजी से बढ़ा पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड सेगमेंट के कर्ज में हुआ 31 फीसदी का इजाफा

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जुलाई और अगस्त 2023 में उपभोक्ता ऋण में उच्च वृद्धि और एनबीएफसी की बैंकों से उधारी पर बढ़ती निर्भरता को लेकर चिंता जताई थी।

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अभिजित लेले   
Last Updated- March 01, 2024 | 10:10 PM IST

असुरक्षित ऋण पर नवंबर 2023 में जोखिम अधिभार बढ़ाए जाने के बावजूद जनवरी महीने में व्यक्तिगत ऋण की वृद्धि दर तेज रही है। जनवरी 2024 में व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 21 फीसदी बढ़ा है, जबकि अक्टूबर 2023 में इसमें 22.3 फीसदी सालाना वृद्धि हुई थी।

इस सेग्मेंट में ऋण वृद्धि जनवरी 2023 में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 26.6 फीसदी रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में भी जनवरी 2024 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ऋण वृदि्ध 31.3 फीसदी रही है, जो अक्टूबर 2023 में 28 फीसदी और एक साल पहले 31.2 फीसदी थी।

नवंबर 2023 में रिजर्व बैंक ने असुरक्षित उधारी पर जोखिम अधिभार बढ़ा दिया था, जिसमें व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड ऋण और एनबीएफसी को बैंक ऋण शामिल है। रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता ऋण पर जोखिम अधिभार 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया था।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जुलाई और अगस्त 2023 में उपभोक्ता ऋण में उच्च वृद्धि और एनबीएफसी की बैंकों से उधारी पर बढ़ती निर्भरता को लेकर चिंता जताई थी।

रिजर्व बैंक की कार्रवाई का असर बैंकों द्वारा एनबीएफसी को दिए जा रहे ऋण पर नजर आ रहा है। इस साल जनवरी में इसकी वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घटकर 15.6 फीसदी रह गई है, जबकि जनवरी 2023 में वृद्धि दर 30.6 फीसदी थी।

रिजर्व बैंक ने कहा कि उद्योगों को दिया जाने वाला ऋण जनवरी 2024 में पिछले साल की तुलना में 7.8 फीसदी बढ़ा है, जो जनवरी 2023 में 8.7 फीसदी बढ़ा था। सेवा क्षेत्र को दिया जाने वाला ऋण जनवरी 2024 में 20.7 फीसदी बढ़ा है, जो एक साल पहले 21.4 फीसदी बढ़ा था।

First Published : March 1, 2024 | 10:10 PM IST