निजी क्षेत्र की प्रमुख जीवन बीमा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में काफी कम संख्या में लोगों को जीवन बीमा पॉलिसियां बेची हैं। इसका मुख्य कारण ऋण से जुड़ी (क्रेडिट-लिंक्ड) जीवन बीमा पॉलिसियों में आई सुस्ती है। माइक्रोफाइनैंस क्षेत्र में दबाव के कारण ऋण वितरण कम हो गया है जिसके परिणामस्वरूप बीमा कंपनियों के नए ग्राहकों की संख्या घट गई है।
बीमा कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस द्वारा कवर किए गए लोगों की संख्या वित्त वर्ष 2024 में 9.66 करोड़ से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 9.17 करोड़ रह गई और जबकि एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस द्वारा कवर किए गए लोगों की संख्या इसी अवधि के दौरान 6.6 करोड़ से घटकर 5 करोड़ रह गई। एसबीआई लाइफ इस दौरान 8.02 करोड़ पर स्थिर रही।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में इससे उलट रुझान दिखा। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2024 के 8.48 करोड़ की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में 9.2 करोड़ लोगों को जीवन बीमा कवर मुहैया कराया।
कवर किए गए लोगों की संख्या का मतलब उन व्यक्तिगत लोगों की कुल संख्या है जिनका जीवन बीमा पॉलिसी के तहत एक विशिष्ट अवधि, जैसे कि एक वित्त वर्ष के दौरान बीमा किया जाता है। इसमें व्यक्तिगत पॉलिसीधारक और समूह बीमा योजनाओं, जैसे कि नियोक्ता द्वारा प्रदान की गई योजनाएं या क्रेडिट से जुड़ी जीवन बीमा के तहत कवर किए गए लोग दोनों शामिल हैं। शुद्ध आधार पर शीर्ष चार बीमा कंपनियों द्वारा कवर किए गए लोगों की संख्या वित्त वर्ष 2025 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 1.4 करोड़ घटी है। इनमें एकल और समूह बीमा शामिल है।
निजी क्षेत्र की एक बीमा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘माइक्रो फाइनैंस और असुरक्षित ऋणों के कम वितरण के कारण जीवन बीमा कवर में मंदी आई है। इससे निजी बीमाकर्ताओं द्वारा कवर किए गए लोगों की संख्या में गिरावट आई है।’ वित्त वर्ष 25 में माइक्रोफाइनैंस पोर्टफोलियो 14 फीसदी घटकर 3.81 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 24 में यह 4.42 लाख करोड़ रुपये था। नए ऋणों के आवंटन में भी नरमी आई है।
ग्लोबल डेटा के वरिष्ठ बीमा विश्लेषक स्वरूप कुमार साहू के अनुसार, ‘प्रमुख चार निजी जीवन बीमा फर्मों द्वारा समूह जीवन पॉलिसियों के तहत बीमित कुल लोगों की संख्या में वित्त वर्ष 2025 के दौरान काफी कमी आई है। शीर्ष चार फर्मों में एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और बजाज आलियांज लाइफ शामिल हैं। इन फर्मों द्वारा बीमित लोगों की कुल संख्या वित्त वर्ष 2024 के17.9 करोड़ से 28.5 फीसदी घटकर वित्त वर्ष 2025 में 12.8 करोड़ रह गई।’