जन स्मॉल फाइनैंस बैंक इस महीने यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में आवेदन करने पर विचार कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 में इसकी सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) और शुद्ध एनपीए अनुपात लगातार 2 वर्षों तक क्रमशः 3 प्रतिशत और 1 प्रतिशत से नीचे रहा है, जो आवेदन की प्रमुख शर्त है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के एमडी और सीईओ अजय कंवल ने कहा, ‘हम इस तिमाही में, संभवतः मई में आवेदन करेंगे।’
कंवल ने कहा कि यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस मिलने से जमा राशियों पर किए जा रहे भुगतान में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इससे बैंक का चालू खाते व बचत खाते (कासा) का अनुपात भी सुधरेगा।
जन स्मॉल फाइनैंस बैंक, एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक के साथ उन लघु वित्त बैंकों की कतार में शामिल हो जाएगा, जो रिजर्व बैंक से यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने 2024 में लघु वित्त बैंकों को सार्वभौमिक बैंकों में परिवर्तित करने के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जिसके तहत आवेदन किए जा रहे हैं। एयू एसएफबी ने पिछले साल सितंबर में आवेदन किया था जबकि उज्जीवन ने इस साल फरवरी में आवेदन किया था।
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक सिर्फ सूचीबद्ध लघु वित्त बैंक (एसएफबी) यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। इसकी पात्रता के लिए उनका न्यूनतम कारोबार 1,000 करोड़ रुपये, अनुसूचित बैंक का दर्जा और कम से कम 5 साल का संतोषजनक कामकाज होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें लगातार फायदे में होने के साथ पिछले 2 साल के दौरान सकल एनपीए 3 प्रतिशत से नीचे और शुद्ध एनपीए 1 प्रतिशत से कम होना चाहिए। वित्त वर्ष 2025 के अंत में जन एसएफबी का जीएनपीए अनुपात 2.5 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए अनुपात 0.9 प्रतिशत था।
इसके अलावा कंवल ने कहा कि बैंक ने सुरक्षित ऋण में तेजी से वृद्धि करके सुरक्षित और असुरक्षित ऋण का अनुपात 80:20 करने का लक्ष्य रखा है, जो अभी 70:30 है। वित्त वर्ष2025 में बैंक का सुरक्षित ऋण सालाना आधार पर 40 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि असुरक्षित ऋण में इस अवधि के दौरान 11 प्रतिशत की कमी आई है। 2018 में शुरू जन एसएफबी देश का चौथा बड़ा एसएफबी है, जिसके 1.2 करोड़ ग्राहक हैं। यह बैंक 23 राज्यों व 2 केंद्रशासित प्रदेश में काम कर रहा है।