वित्त-बीमा

IT Investments: कोर बैंकिंग में सुधार के लिए बैंकों को चाहिए 1 अरब डॉलर

भारतीय बैंक अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में आईटी पर कम खर्च कर रहे हैं, कोर बैंकिंग सुधार आवश्यक

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अभिजित लेले   
Last Updated- August 02, 2024 | 11:45 PM IST

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के पार्टनर और प्रबंध निदेशक विपिन वी ने कहा कि भारत के बैंकों को अगले 5 से 10 साल के दौरान विरासत में मिली कोर बैंकिंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक अरब डॉलर निवेश करना होगा। अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत के वित्तीय संस्थान अपने राजस्व का बहुत छोटा हिस्सा सूचना तकनीक पर खर्च करते हैं।

वीसीजी की रिपोर्ट ‘क्लाउड बेस्ड कोर ट्रांसफॉर्मेशंस’ में कहा गया है कि सामान्यतया वैश्विक बैंक अपने राजस्व का 7 से 9 प्रतिशत आईटी पर खर्च कर रहे हैं, वहीं भारतीय बैंक 5 प्रतिशत खर्च करते हैं। भारत के बैंक सामान्यतया अपने आईटी बजट का इस्तेमाल ग्राहकों से जुड़े तकनीकी इंतजाम पर लगाते हैं, न कि कोर बैंकिंग में।

इसकी वजह से बैकएंड इन्फ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम लेनदेन की मात्रा को समर्थन और उत्पादों की पेशकश के लिए अपर्याप्त साबित होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी बजट का करीब 80 प्रतिशत ‘चेंज इन बैंक’ की तुलना में ‘रन ऐंड रैंक’ (आरआरबी) पर खर्च किया जाता है।

First Published : August 2, 2024 | 11:11 PM IST