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पोर्टफोलियो का 10 प्रतिशत हिस्सा सोने में करें निवेश

Last Updated- December 12, 2022 | 4:31 AM IST

पिछले तीन साल में सोने ने निवेशकों को मालामाल किया है और करीब 14.8 प्रतिशत सालाना चक्रवृद्धि दर से फायदा दिया है मगर पिछले छह महीने में यह करीब 5.8 प्रतिशत तक टूट चुका है। इसलिए धार्मिक या सांस्कृतिक प्रयोजन से सोने के गहने खरीदना तो ठीक है मगर निवेश के लिहाज से खरीदने से पहले आपको पता होना चाहिए कि उसकी कीमतों पर कैसा असर पड़ सकता है।
हालिया कमजोरी
रुपये में सोने ने पिछले साल 27.9 प्रतिशत का शानदार प्रतिफल दिया था मगर इस साल यह 4.9 प्रतिशत तक फिसल चुका है। शेयरखान में सहायक उपाध्यक्ष (शोध, मुद्रा एवं जिंस) प्रवीण सिंह कहते हैं, ‘जुलाई 2020 में 2,075 डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद सोना कमजोर हुआ है और इस साल 1,675 डॉलर तक लुढ़क गया था। वहां से दाम बढ़े हैं मगर अब भी इसमें कमजोरी है।’ 10 साल अवधि के अमेरिकी सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल अगस्त 2020 के 0.52 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2021 में 14 महीनों के उच्चतम स्तर 1.75 प्रतिशत पर आ गया। सिंह कहते हैं, ‘तेज आर्थिक सुधार के कारण अमेरिकी बॉन्ड बाजार उछला है। बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़े तो सोना फिसलने लगता है।’
कोविड-19 से बचाव का टीका तैयार होने और पिछले साल नवंबर से विकसित देशों में टीकाकरण शुरू होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था सुधरने की उम्मीद बढ़ी है। ऐसे में निवेशक जोखिम ले रहे हैं और सोने की चमक फीकी पड़ गई है। क्रिप्टोकरेंसी ने भी असर डाला है। सिंह कहते हैं, ‘बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में गजब की उछाल ने भी सोने की चमक छीन ली है।’
फिर उछलेगा?
कोविड-19 वायरस की नई किस्म ने भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में सुधार की रफ्तार मंद कर दी है। हालात नहीं सुधरे तो निवेशक जोखिम वाली परिसंपत्तियों से निकल सकते हैं। क्वांटम म्युचुअल फंड में वरिष्ठ फंड प्रबंधक (ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स) चिराग मेहता कहते हैं, ‘ऐसा हुआ तो सोने को पिछले साल जैसा फायदा मिल सकता है।’
तमाम देशों के केंद्रीय बैंक कह चुके हैं कि ब्याज दरेें काफी समय तक नीची ही रहेंगी। कृषि जिंस, धातु, कच्चे तेल समेत विभिन्न जिंस भी उछल पड़ी हैं। आसमान छूती महंगाई वास्तविक दरों को शून्य से नीचे भी भेज सकती है। मेहता कहते हैं, ‘कई देशों में वास्तविक ब्याज दरें शून्य से नीचे हैं। उस स्थिति में रकम बॉन्ड से निकालकर सोने में झोंक दी जाती है क्योंकि दीर्घ अवधि में निवेशकों के लिए सोना फायदेमंद साबित होता है।’ डॉलर भी कमजोर रह सकता है क्योंकि महामारी से राहत के उपायों ने देश पर कर्ज बढ़ा दिया है। डॉलर लुढ़का तो सोना चढ़ जाएगा।
जोखिम कहां?
डॉलर ही सोने पर चोट कर सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेस में प्रमुख (जिंस एवं मुद्रा) किशोर नार्णे कहते हैं, ‘महंगाई दर बढ़े बगैर अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुधरी तो डॉलर चढ़ जाएगा, जिससे सोने का नीचे जाना लाजिमी है।
क्या करें निवेशक?
निकट भविष्य में भाव में उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना सोने में निश्चित निवेश बनाए रखें। सोने में निवेश शेयरों में गिरावट के दौरान सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। कैरोस कैपिटल के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ऋषद मनेकिया कहते हैं, ‘देखा गया है कि दीर्घ अवधि में डॉलर की तुलना में रुपया फिसलता जाता है। सोने में निवेश आपको रुपये में इस गिरावट से सुरक्षा देगा।’
विश्लेषकों के मुताबिक निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 10 प्रतिशत आवंटन सोने में करना चाहिए। नार्णे कहते हैं, ‘सोना अपने उच्चतम स्तर से करीब 20 प्रतिशत तक गिर चुका है। जो लोग इसमें निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह अच्छा मौका है।’ आप सोने में जितना निवेश करना चाहते हैं, उसका 50 फीसदी अभी और 50 फीसदी अगले छह महीने में भाव गिरने पर भी कर सकते हैं।

First Published - May 23, 2021 | 11:37 PM IST

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