वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निजी क्षेत्र की सभी 4 सूचीबद्ध जीवन बीमा कंपनियों के वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस (VNB) मुनाफे में इसके पिछले वित्त वर्ष की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। बीमा उत्पादों में यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (यूलिप) की हिस्सेदारी बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।
VNB नए बिजनेस से होने वाले अपेक्षित लाभ के आर्थिक मूल्य का एक मापक है। VNB मार्जिन कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन है।
बीमा कंपनियों के मुताबिक, शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार रहने के कारण ग्राहकों के बीच यूलिप उत्पादों की मांग बढ़ी है। माना जाता है कि इस उत्पाद से प्रॉफिट मार्जिन कम होता है।
वित्त वर्ष 2024 में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एसबीआई लाइफ (SBI Life) का VNB मार्जिन घटकर 28.10 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले 30.10 फीसदी था।
बीमा कंपनी ने परिणाम की घोषणा के बाद कहा था कि मार्जिन में गिरावट की प्रमुख वजह पहले के साल की तुलना में यूलिप कारोबार की अधिक हिस्सेदारी है। कंपनी के कारोबार में यूलिप की हिस्सेदारी बढ़कर 60 फीसदी हो गई है, जो वित्त वर्ष 2023 में 55 फीसदी थी।
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का कहना है कि एक साल पहले की तुलना में सभी जीवन बीमाकर्ताओं के VNB मार्जिन में कमी की वजह प्रॉडक्ट मिक्स में बदलाव (नॉन पार्टिसिपेटरी प्रोडक्ट्स की कम हिस्सेदारी और यूलिप की हिस्सेदारी ज्यादा होना) है।
एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) का VNB मार्जिन भी घटकर 26.30 फीसदी रह गया, क्योंकि उसके कुल कारोबार में यूलिप की हिस्सेदारी 35 फीसदी पहुंच गई है। इसके अलावा 5 लाख से ऊपर प्रीमियम पर कर लगाने से मुनाफे पर असर पड़ा है।
HDFC लाइफ की MD और CEO विभा पाडलकर ने परिणाम की घोषणा करने के दौरान कहा, ‘बजट में बदलाव के कारण वित्त वर्ष 2024 में 1,000 करोड़ रुपये एकमुश्त एपीई (एनुअलाइज्ड प्रीमियम इक्वीवैलेंट) प्राप्ति व यूलिप का अनुपात 20 बीपीएस अधिक होने के कारण ऐसा हुआ है, जिसकी वजह इक्विटी बाजार में तेजी है।’
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ (ICICI Prudential Life) के मामले में प्रोडक्ट मिक्स में यूलिप की हिस्सेदारी बढ़कर 11.70 फीसदी हो गई है, जो एक साल पहले 7.3 फीसदी थी।