वित्त-बीमा

Insurance Sector: प्रस्तावित बीमा संशोधन विधेयक से वृद्धि की आस

बीएफएसआई इनसाइट समिट 2024 में उद्योग के दिग्गजों ने उदारीकरण के 25 साल बाद बीमा क्षेत्र के भविष्य पर की चर्चा

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आतिरा वारियर   
Last Updated- November 08, 2024 | 10:52 PM IST

बीमा विशेषज्ञों को प्रस्तावित बीमा संशोधन विधेयक से इस क्षेत्र में वृद्धि होने की उम्मीद है। उनके अनुसार इस विधेयक से मार्केट व्यापक स्तर पर खुलेगा और ग्राहकों का जुड़ाव भी बढ़ेगा। यह उम्मीद उद्योग के दिग्गजों ने बिजनेस स्टैंडर्ड के बीएफएसआई इनसाइट समिट 2024 में उदारीकरण के 25 साल बाद बीमा क्षेत्र के भविष्य पर चर्चा के दौरान व्यक्त की। पैनल परिचर्चा का विषय उदारीकरण की एक चौथाई सदी के बाद.. आगे क्या?

पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि अभी ग्राहकों से संबंध पूरी तरह लेनदेन पर आधारित है। प्रस्तावित संशोधन विधेयक मूल्य वर्धित सेवाओं को जोड़ा गया है। लिहाजा संशोधन विधेयक के बाद ग्राहकों का जुड़ाव मूल्य वर्धित सेवाओं से अधिक हो जाएगा।

आदित्य बिड़ला स्वास्थ्य बीमा के मुख्य कार्याधिकारी मयंक बड़थ्वाल ने कहा, ‘शुरुआती परिकल्पना (बीमा संशोधन विधेयक) में मूल्य वर्धित सेवाएं (शामिल की गई) हैं। यदि ऐसा होता है तो मेरे विचार से यह बड़ा बदलाव हो सकता है। इस तरह आप ग्राहकों को विकल्प मुहैया करवा सकते हैं। आज, आप केवल बीमा उत्पादों को ही बेच सकते हैं। संशोधित विधेयक के लागू होने पर आप गरीब वर्ग को मूल्य वर्धित सेवाओं के साथ अन्य संबंधित सेवाएं भी बेच सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य बीमा स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित है। रिटायरमेंट के लिए आप रिटायरमेंट सेवाओं से संबंधित कई सेवाएं बेच सकते हैं। इनमें जरूरी नहीं है कि बीमा का प्रमुख तत्त्व अनिवार्य रूप से शामिल हो। हालांकि यह मुख्य रूप से उपलब्ध कराए गए मुख्य तत्त्व से शामिल है और यह एकसाथ मुहैया कराना कहीं अधिक आकर्षक हो जाता है।

आप जानते ही बीमा क्षेत्र की एक समस्या यह है कि इसकी जरूरत कभी कभी होती है और नियमित रूप से नहीं होती है। अगर यह सेवा शुरू होती है तो यह ग्राहकों से जुड़ाव करने में मदद करेगी। इससे ग्राहक जुड़ सकेंगे। आपको मालूम है कि ग्राहकों की सोच। ग्राहक सोचते हैं कि उन्हें भुगतान करने के बदले कुछ हासिल हो रहा है। मेरी विचार से यह बड़ा है और हम इसे देख रहे हैं।’

फ्यूचर जेनेराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के एमडी व सीईओ आलोक रूंगटा ने कहा कि लेनदेन से अधिक ग्राहकों का जुड़ाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘यह जुड़ाव लेनदेन से कहीं अधिक होना चाहिए। यह आज लेनदेन पर आधारित है। इसमें कोई जुड़ाव नहीं है और ऐसे में ग्राहकों का अनुभव भी बदलता है। देखें, यहां पर केवल चार चरण हैं। अगर आप मुझसे ग्राहक के लाइफस्टाइल के बारे में पूछते हैं, मैं खरीदता हूं, मैं रिन्यू करता हूं या कैंसिल करता हूं। लिहाजा चार लेनदेन होने हैं।’

First Published : November 8, 2024 | 10:52 PM IST