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India-Pakistan tension: बैंकिंग सेवाओं में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए- सीतारमण

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों और बीमा कंपनियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक, साइबर सुरक्षा और सेवा निरंतरता पर दिए कड़े निर्देश

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निमिष कुमार   
Last Updated- May 09, 2025 | 10:39 PM IST

सीमा क्षेत्रों में उभरती सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों तथा बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में बैंकिंग क्षेत्र की ऑपरेशनल और साइबर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की गई, जिसमें इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यमों की स्थिति पर भी चर्चा हुई।

बैठक में वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI), सर्ट-इन (CERT-In) और राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

बैंकिंग सेवाओं में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए: सीतारमण

बैठक में वित्त मंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में, खासकर सीमा क्षेत्रों में, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि बैंक कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, विशेषकर उन शाखाओं में जो सीमावर्ती इलाकों में स्थित हैं। इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय बनाए रखने को कहा गया है।

साइबर हमलों से निपटने की तैयारी

बैठक में बैंक अधिकारियों ने बताया कि पूरे बैंकिंग नेटवर्क में साइबर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ किया गया है। कई बैंकों ने एंटी-डीडीओएस (Distributed Denial-of-Service) प्रणाली लागू की है ताकि बड़े साइबर हमलों से निपटा जा सके। इसके अलावा मॉक ड्रिल, डिजास्टर रिकवरी अभ्यास, और फिशिंग प्रयासों की निगरानी जैसे उपाय भी किए जा रहे हैं।

सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर्स (SOC) और नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर्स पूरी तरह सक्रिय हैं और CERT-In और NCIIPC के साथ समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं।

डिजिटल और नकद सेवाओं की उपलब्धता पर जोर

वित्त मंत्री ने कहा कि एटीएम में नकदी की उपलब्धता, यूपीआई और इंटरनेट बैंकिंग की निर्बाध सेवा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बैंकों को दो वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी — एक साइबर मामलों की रिपोर्टिंग के लिए और दूसरा ऑपरेशनल सेवाओं की निगरानी के लिए। ये अधिकारी CERT-In और DFS को रीयल-टाइम में रिपोर्ट करेंगे।

बीमा कंपनियों को दिए निर्देश

बैठक में बीमा कंपनियों को निर्देश दिए गए कि वे दावों का समय पर निपटान करें और ग्राहकों को बिना रुकावट सेवा दें। इसके साथ ही स्पॉन्सर बैंक यह सुनिश्चित करें कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) को पर्याप्त सहयोग मिले और किसी समस्या की स्थिति में उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया जाए।

अंत में, वित्त मंत्री ने दोहराया कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और देश की बैंकिंग एवं वित्तीय प्रणाली मजबूत और लचीली बनी हुई है।

दो मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 686.06 अरब डॉलर 

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First Published : May 9, 2025 | 9:16 PM IST