सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हाल में गिरावट का रुख दिखाने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में सुधार की संभावना है। दूरसंचार व खुदरा कारोबारों में निवेश, कर्ज में कटौती और तेल व रसायन कारोबार के सुस्त परिदृश्य के बाद इस शेयर को आगे बढऩे के संकेतक नहीं मिल रहे हैं।
दूसरी तिमाही के प्रदर्शन के अतिरिक्त बाजार की नजर फ्यूचर समूह के साथ सौदे पर होने वाली प्रगति, दूरसंचार कारोबार में टैरिफ की बढ़ोतरी और तेल व रसायन कारोबार की हिस्सेदारी बिक्री पर होगी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, खुदरा व दूरसंचार कारोबार में संभावित पुनर्गठन व वैल्यू अनलॉकिंग जैसे संकेतकों का इंतजार बाजार को रहेगा।
बाजार की नजर डिजिटल और खुदरा क्षेत्र पर भी होगी क्योंकि इन दोनों क्षेत्र अब एकीकृत परिचालन लाभ में आधे का योगदान कर रहे हैं। उच्च बढ़त वाले इन दोनों कारोबारों के परिचालन के मोर्चे पर प्रदर्शन को लेकर बाजार निराश नहीं है।
दूरसंचार कारोबार में राजस्व में हुई 36 फीसदी की बढ़ोतरी ग्राहकों में हुई बढ़ोतरी और औ सत राजस्व प्रति ग्राहक में आई उछाल की अगुआई में हुई। क्रमिक आधार पर कंपनी का एआरपीयू 3.3 फीसदी रहा (ग्राहक जुड़ाव से), जो भारती एयरटेल के प्रति ग्राहक राजस्व से थोड़ा ज्यादा है। वहीं इसमें हुई 13 फीसदी की हुई सालाना बढ़ोतरी पिछले साल दिसंबर में हुई कीमत बढ़ोतरी के कारण हुई।
एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले ग्राहकों में 1.8 फीसीद की बढ़ोतरी हुई जबकि क्रमिक आधार पर 2.6 फीसदी। जियो के ग्राहकों की संख्या में एयरटेल के मुकाबले कम बढ़ोतरी हुई लेकिन इसके ग्राहकोंं का आधार एयरटेल के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा रहा। राजस्व में मजबूत बढ़ोतरी से सालाना आधार पर परिचालन लाभ में 53 फीसदी की बढ़ोतरी में मदद मिली।
एआरपीयू अब डेटा के ज्यादा इस्तेमाल से ऊपर जाने की संभावना है क्योंकि लोग घर से काम कर रहे हैं, ओवर द टॉप मनोरंजन का इस्तेमाल कर रहे हैं और खेल से जुड़े कार्यक्रम की वापसी हो गई है। हालांकि 4जी फीचर फोन उतारे जाने से एआरपीयू की रफ्तार नरम पड़ सकती है। सबसे बड़ा संकेतक टैरिफ में बढ़ोतरी होगा, जो उसके लाभ में खासी बढ़ोतरी कर सकता है।
खुदरा क्षेत्र का प्रदर्शन बाजार के अनुमान के मुकाबले बेहतर रहा। आंकड़े हालंकि अभी भी कोविड पूर्व के मुकाबले अच्छे नहीं रहे, लेकिन क्रमिक आधार पर मजबूत रिगकवरी हुई है, जिसकी वजह आवश्यक सामान मसलन खाद्य व ग्रॉसरी उत्पादों की उच्च बिक्री है। लॉकडाउन में धीरे-धीरे दी गई ढील से स्टोर में ज्यादा लोग पहुंचने लगे और खुदरा बिक्री समकक्ष कंपनियों के मुकाबले ज्यादा रही। राजस्व में 30 फीसदी की क्रमिक बढ़ोतरी मजबूत थी, जिसके कारण परिचालन लाभ में 60 फीसदी की उछाल आई जबकि अनुमान 35-40 फीसदी का था।
फिजिकल स्टोर जोडऩे के अतिरिक्त ओमनीचैनल पेशकश (खास तौर से जियोमार्ट) ने खुदरा की रफ्तार में खासी बढ़ोतरी की। विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी का ध्यान सभी श्रेणियों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर है, जो उसके कारोबार के राजस्व में इजाफा करेगा। वहीं रिफाइनिंग में निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा, पेट्रोकेमिकल में क्रमिक आधार पर हालांकि सुधार दिखा। रिफाइनिंग में सकल रिफाइनिंग मार्जिन विश्लेषकों के अनुमान से कम रहा।
आरआईएल के नतीजे शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद घोषित हुए। आरआईएल का जीडीआर शुक्रवार शाम लंदन स्टॉक एक्सचेंज में 1.1 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा था।
