प्रॉक्टर ऐंड गैंबल हाइजीन ऐंड हेल्थ केयर (पीऐंडजी) ने पिछले कुछ समय में अच्छा मुनाफा कमाया है।
इसका श्रेय जाता है कंपनी के कुछ लोकप्रिय उत्पादों, बेहतरीन तकनीक के इस्तेमाल और उपभोक्ताओं की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने की कंपनी की नीति को। हालांकि कंपनी ने इन सफलताओं के बाद भी विकास के लिए कई रणनीतियां बनाई हैं।
इनमें कुछ निकट भविष्य को लेकर बनाई गई हैं तो कुछ लंबे समय के विकास को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। इससे कंपनी को अपने क्षेत्र के कारोबार में न सिर्फ दबदबा बनाए रखने में सहूलियत होगी बल्कि उसकी विकास दर भी बरकरार रहेगी।
बाजार में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल है पर उसके बाद भी कंपनी के शेयरों में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
मजबूत कारोबार
दशकों से सर्दी और जुकाम से लड़ने के लिए कंपनी का विक्स ब्रांड काफी लोकप्रिय रहा है। हेल्थकेयर के कारोबार में कंपनी की बिक्री का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता गया है। वित्त वर्ष 2008 में इस सेगमेंट में बिक्री 300 करोड़ रुपये से अधिक की थी।
एसबीआईकैप सिक्योरिटीज की विश्लेषक प्रीति पंचाल बताती हैं, ‘इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं पर औसतन 10 फीसदी सालाना से अधिक की विकास दर की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। ऐसा इसलिए कि इस सेगमेंट में विक्स वैपोरब, इन्हेलर और फार्मूला 44 खास मौसम में बिकने वाले उत्पाद हैं। हालांकि कैंडी के रूप में बिकने वाली विक्स खांसी की गोली को खाद्य वस्तुओं की तरह समझा जाता है और इसकी बिक्री से इस सेंगमेंट में विकास की उम्मीद की जा सकती है।’
अगर महिलाओं से जुड़े उत्पादों की चर्चा करें तो सैनिटरी नैपकिन ‘व्हिस्पर’ ब्रांड ने बिक्री के मामले में पिछले पांच सालों में सालाना औसतन 20 फीसद की दर से बढ़ोतरी दर्ज की है। वित्त वर्ष 2008 में इस उत्पाद की बिक्री 340 करोड़ रुपये की रही, यानी साल दर साल 21 फीसद की बढ़ोतरी।
सितंबर 2008 को खत्म हुई पहली तिमाही में विकास दर 30 फीसद के करीब थी और इसमें ‘व्हिस्पर चॉइस’ और ‘व्हिस्पर अल्ट्रा’ का खासा योगदान रहा था। पंचाल बताती हैं, ‘वित्त वर्ष 2009 की पहली तिमाही में व्हिस्पर चॉइस की बिक्री में 50 फीसद का इजाफा देखने को मिला और इससे पता चलता है कि मध्यम वर्ग की शहरी महिलाओं के बीच इस उत्पाद की लोकप्रियता बढ़ी है।’
विश्लेषकों का मानना है कि इस कारोबार में औसतन 22 फीसद की विकास दर्ज की जाएगी और इससे खासतौर पर व्हिस्पर ब्रांड भारत की शहरी महिलाओं के बीच 50 फीसद बाजार हिस्सेदारी (मूल्य के संदर्भ में) के साथ सबसे आगे निकल पाएगा।
सही कदम
विभिन्न उत्पादों में कम मूल्य के पैकेट (विक्स वैपोरब का 5 रुपये का पैकेट) उपलब्ध कराना कंपनी के लिए एक बेहतर रणनीति साबित हुई है। साथ ही व्हिस्पर चॉइस ने भी कंपनी के कारोबार को बढ़ाने में मदद की है।
अगर लंबे समय को ध्यान में रखकर तैयार की गई रणनीतियों की चर्चा करें तो पीऐंडजी ने ‘व्हिस्पर स्कूल प्रोग्राम’ के जरिये उपभोक्ताओं में जागरुकता बढ़ाने की कोशिश की है ताकि भविष्य में कारोबार में बेहतर विकास हासिल किया जा सके।
हाल ही में कंपनी ने राजस्थान में ग्रामीण महिलाओं को सफाई से जुड़ी जानकारियां देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के साथ गठजोड़ किया है।
विकास की कोशिशें
वर्ष 2006 से 2008 के बीच कंपनी ने गोवा स्थित अपनी इकाई में क्षमता के विकास के लिए 60 करोड़ रुपये निवेश किये हैं।
साथ ही कंपनी ने 2007-08 में फिक्स्ड एसेट को लगभग दोगुना यानी 123.10 करोड़ रुपये कर लिया है। कंपनी को बद्दी स्थित दोनों संयंत्रों में कर में छूट मिल रही है और इससे कंपनी का कर से जुड़ा खर्च कम हुआ है।
सारे प्रयासों के बदौलत कंपनी आने वाले कई वर्षों में 16 से 18 फीसद का मुनाफा कमाती रहेगी ऐसी उम्मीद है। यह भी संभावना है कि अगले 3 साल में पीऐंडजी 1,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन कर उभरेगी।