भारत और चीन के बाजार में अपार संभावनाएं

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:01 AM IST

एचएसबीसी को अपने बीमा प्रॉडक्टों के लिए सबसे बेहतर मुफीद जगहों के रूप में भारत और चीन बेहद पसंद हैं। इस कंपनी को भरोसा है कि विश्व में सबसे तेजी से उभर रहे ये दोनो आर्थिक शक्ति बनने के राह पर हैं।


लिहाजा ,इसके लिए अपने बीमागत गतिविधियों से बेहतर नजीजे देने में ये दोनों देश सबसे आगे साबित हो सकते हैं। यूरोप के सबसे बड़े इस बैंक ने इस सोमवार को अपना जीवन बीमा उपक्रम शुरू किया है,जिसे दूसरी अन्य कंपनियां मसलन एलआईसी और अलियांज समेत एआईजी से खासी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

इस बाबत बैंक के चेयरमैन और प्रमुख कार्यकारी डेविड फ्राइड का कहना है कि इन दोनो देशों में हमारे निवेश एवं विकास कार्यक्रम जारी रहेंगे क्योंकि पहली वजह तो यह है कि दन दोनों देशों की आबादी बहुत है और दूसरी यह कि इन देशों में अभी बीमा कारोबार काफी अविकसित है। 2007 की बात करें तो बैंक के कुल कारोबार में बीमा कारोबार की कुल हिस्सेदारी 13 फीसदी की है,जिसे हम बढ़ाकर अगले पांच सालों के दौरान 20 फीसदी पर ले जाना चाहते हैं।

इस संबंध में एचएसबीसी बीमा कारोबार के प्रमुख क्लाइव बैनिस्टर का कहना है कि  भारतीय बाजार को कुल 8 अरब और 10 करोड़ डॉलर में कैपटिलाइज्ड किया गया है और हमें इसका पूरा भरोसा है कि यहां हमें मुनाफा हासिल करने में औरों के मुकाबले सात कम लगेगा। इसके अलावा भारत में इस कंपनी के कर्मियों की संख्या पर उनका कहना था कि इस वक्त कर्मियों की संख्या 440 है जिसे बढ़ाकर 1,000 किए जाने का लक्ष्य है।

इस कंपनी में हिस्सेदारी के सवाल पर उन्होने बताया कि भारत के केनरा और ओरिएन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स की इसमें कुल 74 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि भारत में इस संयुक्त उपक्रम के प्रमुख हार्पल कार्लकट होंगे। इस कारोबार के लिए हाई-इंड ग्राहकों को टारगेट करने का लक्ष्य कंपनी ने बनाया है।

इसके अलावा शहरी इलाकों में केनरा और ओरिएन्टल बैंक के ग्राहक आधार को इसके इस्तेमाल में लाया जाएगा। कार्लकट कहते हैं कि अभी भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बीमा किए जाने से वंचित है लिहाजा शुरूआती दौर में ही इतने ग्राहक आधार को लक्ष्य करने का साफ मतलब है कि विकास की अपार संभावनाएं हैं।

First Published : June 17, 2008 | 10:43 PM IST