वित्त-बीमा

बॉन्ड में घट सकती है FPI की आवक

अमेरिका की यील्ड बढ़ने और भारत की स्थिर रहने से विदेशी निवेश में कमी की आशंका, धन प्रवाह विदेशों की ओर

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- December 19, 2024 | 11:28 PM IST

अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड और भारत सरकार की 10 वर्षीय प्रतिभूतियों की यील्ड में अंतर दो दशक के निचले स्तर पर आ गया है। अर्थशास्त्रियों और मार्केट के विशेषज्ञों के अनुसार इससे भारत सरकार की ऋण प्रतिभूतियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इससे भारत से विदेश को धन प्रवाह तक बढ़ सकता है।

यूएस फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के कारण यूएस की 10 वर्षीय यील्ड बढ़ गया। यूएस फेडरल रिजर्व ने कैलेंडर वर्ष 2025 के संशोधिन दिशानिर्देश में संभावित कटौती को घटाकर 50 आधार अंक कर दिया जबकि यह पहले 100 आधार अंक था।

भारत सरकार की 10 वर्षीय प्रतिभूतियां 6.78 प्रतिशत पर बंद हुईं जबकि अमेरिका की 10 वर्षीय ट्रेजरी 4.54 प्रतिशत के करीब कारोबार कर रही थीं। हालिया समय में इन दोनों के बीच अंतर 224 आधार अंक हो गया है और यह 1 अप्रैल, 2005 के बाद सबसे कम है।

इंडिया फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गोरा सेन गुप्ता के मुताबिक अमेरिका के 10 वर्षीय और भारत के 10 वर्षीय की यील्ड कम होने से भारत सरकार के ऋण बॉन्ड से एफपीआई विदेश को धन प्रवाह कर सकते हैं। अक्टूबर और नवंबर में पूर्ण सुलभ मार्ग (एफएआर) के जरिये प्रतिभूतियों में एफपीआई से विदेश की ओर धन का प्रवाह हुआ था। इसमें अंतर और कम होने की स्थिति में शुद्ध प्रवाह विदेशों की ओर हो सकता है।

क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआईएल) के आंकड़े के अनुसार एफएआर के जरिये अक्टूबर और नवंबर में एफपीआई प्रतिबद्ध सरकारी प्रतिभूतियों के शुद्ध विक्रेता थे। उन्होंने नवंबर में 5,187 करोड़ रुपये की एफएआर प्रतिभूतियों की शुद्ध बिक्री की थी और अक्टूबर में एफएआर प्रतिभूतियों की शुद्ध बिक्री 5,142 करोड़ मूल्य था। अप्रैल के बाद अक्टूबर में पहली बार एफएआर प्रतिभूतियों से पहली बार शुद्ध प्रवाह हुआ था।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के अनुसार अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड और अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड में आमतौर पर औसतन 300-350 आधार अंक का अंतर रहा। हालांकि यूक्रेन संकट के बाद अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड में महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ी है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के नकद प्रबंधन संचालन के कारण भारत की 10 वर्षीय यील्ड दायरे में रही।

First Published : December 19, 2024 | 11:28 PM IST