परिसंपत्तियों के हिसाब से देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने इस वित्त वर्ष में धन जुटाने की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी है। इस मामले से जुड़े 3 सूत्रों ने सोमवार को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती और नकदी बढ़ाए जाने के बावजूद बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण स्टेट बैंक ने धन जुटाने की योजना टाली है।
बैंक ने मार्च के पहले बॉन्डों के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। सूत्रों ने कहा कि बैंक ने अब अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले वित्त वर्ष में बाजार में संभावनाएं तलाशने का मन बनाया है। एक सूत्र ने कहा, ‘बाजार में कदम रखने के लिए बैंक उचित समय तलाश रहा था। लेकिन कुछ सप्ताह से यील्ड उच्च स्तर पर बनी हुई है और बैंक हाल फिलहाल में बाजार से धन जुटाने से बच रहा है।’ सूत्रों ने नाम सार्वजनिक करने से मना किया, क्योंकि वे मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत नहीं हैं। स्टेट बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि बैंक इस तरह के मामलों में प्रतिक्रिया नहीं देता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती की है और बैंकिंग व्यवस्था में भारी भरकम नकदी डाल रहा है, इसके बावजूद एएए रेटिंग वाले 10 साल के कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड फरवरी की शुरुआत से 15 आधार अंक बढ़ी है।
दूसरे सूत्र ने कहा, ‘स्टेट बैंक ने अपनी संपत्ति देनदारी की स्थिति का आकलन किया और बोर्ड की मंजूरी के बावजूद फिलहाल बॉन्ड बाजार में न जाने का फैसला किया।’ उन्होंने कहा कि बैंक अगले वित्त वर्ष में धन की जरूरत पर नए सिरे से विचार करेगा।