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दूसरी लहर से अलग बाजार का चक्रीयता पर दांव

Last Updated- December 12, 2022 | 5:16 AM IST

विश्लेषकों का कहना है कि बाजारों का ध्यान भारत में कोविड की दूसरी लहर से अलग रहने की संभावना है। उनका मानना है कि अगले कुछ महीनों में कोविड संक्रमण के मामले कम हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए  वे इस उम्मीद में मध्यावधि से दीर्घावधि नजरिये के साथ चक्रीयता-आधारित शेयरों को खरीदने का सुझाव दे रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में जल्द सुधार आएगा।
बोफा सिक्योरिटीज में इक्विटी रणनीतिकार अमीष शाह का कहना है, ‘महाराष्ट्र में कोविड मामलों के स्थिर होने से एक-दो महीनों में इस महामारी की राह सपाट बनाने में मदद मिल सकती है। जहां मौजूदा आय सीजन में दलाल पथ आय अनुमानों में कटौती कर सकता है, लेकिन हमारा मानना है कि बाजार अल्पावधि समस्या से परे ध्यान दे सकते हैं।’
इसी तरह का विचार सीएलएसए द्वारा साझा किया गया है। सीएलएसए के विश्लेषकों का कहना है कि खासकर महाराष्ट्र में कोविड मामलों में तेजी की रफ्तार मई में धीमी पड़ सकती है, क्योंकि राज्य दूसरी लहर के अपने चौथे महीने में है। उनका मानना है कि यह बाजारों के लिए सकारात्मक होगा।
सीएलएसए में विश्लेषक विकास जैन ने कहा, ‘विभिन्न मानकों में सुझाव दिया गया है कि महाराष्ट्र में दूसरी लहर का उच्च स्तर अभी से लेकर मई के अंत तक कभी भी दर्ज किया जा सकता है, इसलिए हम मई के मध्य में और जून 2021 के मध्य के आसपास मौजूदा लॉकडाउन उपायों में कुछ नरमी की उम्मीद कर रहे हैं।’
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान के संदर्भ में देश के सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में 14 अप्रैल से सख्त लॉकडाउन जारी है। केयर रेटिंग्स के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था का देश की सकल वैल्यू में करीब 15 प्रतिशत का योगदान है। केयर रेटिंग्स को लॉकडाउन से वित्त वर्ष 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था पर 40,000 करोड़ रुपये का प्रभाव पडऩे का अनुमान है।
सीएलएसए के जैन का मानना है कि बाजार आगामी सप्ताहों में कोविड-19 मोर्चे पर कुछ सकारात्मक संकेत देख सकता है। यह राय पूरे देश में 1 मई से शुरू हो रहे टीकाकरण की सफलता की उम्मीद पर आधारित है। विश्लेषकों का मानना है कि टीकाकरण की सफलता से कोविड मामलों में आ रही तेजी पर विराम लग सकता है।
 
कोविड मामलों का चरम स्तर
सीएलएसए के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित हुए 12 देशों के अध्ययन से पता चला है कि दैनिक मामले 7डीएमए के चरम पर पहुंचे हैं, जब दर्ज कुल संक्रमण से संबद्घ देश में आबादी का 2.5 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इन देशों में, पहली लहर (2 से 6.5 महीने का दायरा) के निचले स्तर से दूसरी लहर के चरम के लिए करीब चार महीने का समय लगा। दूसरी लहर के चरम पर, इन देशों में सकारात्मक मामलों का 7डीएमए 14.4 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया।’
इसे देखते हुए, सीएलएसए ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत चार महीने का यह औसत आंकड़ा जून, 2021 के मध्य तक हासिल कर सकता है और महाराष्ट्र को अलग रखें तो जून के अंत तक यह देखा जा सकता है।

निवेश रणनीति
इन अनुमानों को ध्यान में रखते हुए ब्रोकर चक्रीयता क्षेत्रों और शेयरों पर उत्साहित बने हुए हैं। बोफा सिक्योरिटीज के शाह ने स्टैपल्स को डाउनग्रेड कर रक्षात्मक क्षेत्र के लिए अपने नजरिये में कमी की है और आईटी सेक्टर के लिए अपने ओवरवेट नजरिये में कमी की है। जेफरी में प्रबंध निदेशक महेश नंदूरकर भी बैंकों के मुकाबले वैश्विक चक्रीयता दांव (आईटी सेवा, धातु और रिलायंस इंडस्ट्रीज) को पसंद कर रहे हैं।

First Published - May 2, 2021 | 11:30 PM IST

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