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यस बैंक (Yes Bank) ने शनिवार को बताया कि उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से ₹2,209 करोड़ का डिमांड नोटिस मिला है। यह नोटिस असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए जारी किया गया है।
बैंक ने जानकारी दी कि इनकम टैक्स विभाग ने अप्रैल 2023 में 2019-20 का असेसमेंट ईयर दोबारा खोला था। यह जानकारी बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई रेगुलेटरी फाइलिंग में दी।
इनकम टैक्स विभाग की नेशनल फेसलेस असेसमेंट यूनिट ने 28 मार्च को फिर से असेसमेंट ऑर्डर पास किया। इसमें न तो कोई अतिरिक्त राशि जोड़ी गई और न ही कोई नई आपत्ति लगाई गई। यानी जिस आधार पर दोबारा जांच शुरू की गई थी, उसे खुद विभाग ने हटा दिया है।
इसका मतलब यह है कि पहले जो ऑर्डर सेक्शन 144 के तहत पास किया गया था, उसमें जितनी इनकम मानी गई थी, वही इनकम अब भी मानी गई है। ऐसे में बैंक पर कोई अतिरिक्त टैक्स डिमांड बनती ही नहीं है।
एक बैंक ने कहा है कि आयकर विभाग ने धारा 156 के तहत टैक्स डिमांड नोटिस और कैलकुलेशन शीट जारी की है, जिसमें कुल ₹2,209.17 करोड़ की मांग की गई है। इसमें ₹243.02 करोड़ का ब्याज भी शामिल है। बैंक के मुताबिक, यह मांग “प्रथम दृष्टया बिना किसी ठोस आधार” के लगती है।
बैंक ने भरोसा जताया है कि उसके पास इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए मजबूत आधार हैं और उसे इस आदेश से अपने वित्तीय, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर किसी बड़े नकारात्मक असर की उम्मीद नहीं है।
बैंक ने यह भी कहा कि वह इस दोबारा मूल्यांकन आदेश के खिलाफ कानून के तहत अपील और सुधार की प्रक्रिया शुरू करेगा।
Yes Bank के शेयरों में गिरावट
इस जानकारी के सामने आने के बाद यस बैंक के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को बैंक का स्टॉक 2.38% की गिरावट के साथ ₹16.88 पर बंद हुआ। यह गिरावट निफ्टी 50 के 0.31% की गिरावट से कहीं ज़्यादा रही।
पिछले 12 महीनों में यस बैंक के शेयरों में 27.24% की गिरावट आई है, जबकि इस साल की शुरुआत से अब तक यानी YTD आधार पर स्टॉक करीब 13.83% तक टूटा है।