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यूपीआई-क्रेडिट कार्ड में शुल्क!

Last Updated- December 11, 2022 | 6:20 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में यूनिफाइड पेंमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये क्रेडिट कार्ड से भुगतान की इजाजत दी है, जिसके बाद इस तरह के भुगतान पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क लग सकता है। भुगतान उद्योग से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। मगर छोटे व्यापारियों को एमडीआर में स​ब्सिडी दी जा सकती है।
एक सूत्र ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े यूपीआई भुगतान पर एमडीआर लगने का संकेत देते हुए कहा, ‘क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने पर यूपीआई भुगतान का साधन ही नहीं रह जाएगा बल्कि भुगतान का अग्रणी प्लेटफॉर्म भी बन जाएगा। ऐसे में बैंक वाणिज्यिक मॉडल के बगैर इसके जरिये उधारी कैसे दे सकते हैं? सरकार ने भी कहा है कि भुगतान के साधनों पर एमडीआर नहीं लगेगा लेकिन उधारी के साधनों के साथ ऐसा नहीं है।’
एमडीआर एक तरह का शुल्क होता है जिसे लेनदेन के एक निश्चित प्रतिशत के हिसाब से बैंक व्यापारी से लेते हैं। यह भुगतान पूरा करने के एवज में लिया जाता है। कार्ड जारी करने वाला बैंक इसका एक हिस्सा अपने पास रखता है और बाकी भुगतान नेटवर्क तथा पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल प्रदाताओं को देता है। उन्होंने कहा, ‘…इतना तो तय है कि यह बिना शुल्क के नहीं हो सकता। इसके लिए वाणिज्यिक मॉडल बनाना होगा। अगर विक्रेताओं को यह वाणिज्यिक मॉडल व्यावहारिक लगेगा तो वे केडिट कार्ड से लेनदेन स्वीकार करेंगे।’
अतीत में केंद्र सरकार ने रुपे क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा देने के लिए 1,300 करोड़ रुपये मुहैया कराए थे और 2,000 रुपये तक के यूपीआई भुगतान पर बैंकों को एमडीआर वापस किया जाता था। दिसंबर 2019 में यह एमडीआर खत्म कर दिया गया।
भुगतान उद्योग के सूत्र ने कहा, ‘तकनीकी रूप से देखें तो असंगठित क्षेत्र में डिजिटल भुगतान ज्यादा मात्रा में होता है, जबकि संगठित क्षेत्र में ज्यादा मूल्य का भुगतान होता है और इसके लिए एमडीआर वसूला जाता है। मगर छोटे विक्रेताओं को सब्सिडी दी जा सकती है।’
पिछले हफ्ते मौद्रिक नीति की बैठक के बाद निर्णय की घोषणा करते हुए आरबीआई ने कहा था कि वह रुपे क्र​डिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने की अनुमति देगा, जिससे यूपीआई के जरिये क्रेडिट भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी। अभी इसके लिए ‘पे नाउ’ का उपयोग किया जाता है, जिसमें किसी भी लेनदेन के लिए ग्राहक के बैंक खाते से सीधे पैसा काटा जाता है। क्रेडिट कार्ड-यूपीआई को जोड़ने का निर्णय स्वागत योग्य है और इससे डिजिटल भुगतान का दायरा बढ़ेगा। उद्योग के भागीदार इस बारे में आरबीआई और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से मूल्य ढांचे पर स्पष्टता की मांग कर रहे हैं।
मूल्य ढांचे के बारे पूछे जाने पर रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा, ‘मूल्य ढांचा किस तरह काम करेगा, इस पर बैंक और भुगतान इकाइयों को व्यवस्था बनानी होगा। इस समय हम व्यवस्था पेश करेंगे और देखेंगे कि किस तरह से मूल्य निर्धारण होता है।’
ब्रोकरों ने आप​त्ति जताई है कि यूपीआई-क्रेडिट कार्ड के जरिये लेनदेन पर एमडीआर नहीं लगने के कारण उसमें तेजी आएगी। मगर कार्ड से लेनदेन पर एमडीआर वसूलने वाले पॉइंट ऑफ सेल ​उपकरण से बिक्री में कमी आ सकती है।

First Published - June 13, 2022 | 12:16 AM IST

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