देश में निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने विशाखा मुले के कंपनी छोडऩे के बाद अपने शीर्ष प्रबंधन में फेरबदल किया है। मुले कॉरपोरेट बैंकिंग खंड की अगुआई कर रही थीं। इस समय खुदरा बैंकिंग खंड की अगुआई कर रहे अनूप बागची कॉरपोरेट बैंकिंग के प्रमुख की भूमिका में आएंगे। बैंक के मुख्य वित्त अधिकारी राकेश झा को खुदरा बैंकिंग का प्रमुख बनाया जाएगा और उन्हें पदोन्नत कर कार्यकारी निदेशक बनाया गया है।
मुले आईसीआईसीआई बैंक छोड़कर जून में आदित्य बिड़ला कैपिटल की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (एमडी एवं सीईओ) का पद संभालेंगी। मुले आईसीआईसीआई बैंक में कार्यकारी निदेशक थीं। झा को कार्यकारी निदेशक का पद देकर बैंक के बोर्ड मेंं 1 मई 2022 से पांच साल की अवधि के लिए पूर्णकालिक निदेशक बनाया गया है। उनकी नियुक्ति नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगी। झा 1 मई, 2022 से बैंक के समूह सीएफओ और अहम प्रबंधन कार्मिक की भूमिका छोड़ देंगे। अनिंद्य बनर्जी को 1 मई, 2022 से बैंक का समूह सीएफओ नियुक्त किया गया है। मैक्वायरी रिसर्च ने आज एक रिपोर्ट में कहा कि आईसीआईसीआई में पहले भी सहज तरीके से बदलाव हुए हैं और हमारे नजरिये से इसके प्रबंधन में पर्याप्त गहराई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ये सभी बदलाव स्वागत योग्य हैं और हमें लगता है कि अनूप बागची को बैंक के अगले सीईओ के रूप में तैयार किया जा रहा है। आखिरकार वह विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। मौजूदा सीईओ बख्शी 62 साल के हैं और आरबीआई के नियमों के मुताबिक सेवानिवृत्ति की अधिकतम उम्र 70 साल है।’
एमके रिसर्च ने एक नोट में कहा, ‘शीर्ष प्रबंधन प्रबंधकों को हर क्षेत्र का अनुभव मुहैया कराने की नीति अपना रहा है। हमारा मानना कि यह लंबी अवधि के हिसाब से सकारात्मक है।’ बागची आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड में 1 फरवरी, 2017 से कार्यकारी निदेशक हैं। वह आईसीआईसीआई समूह से 1992 से जुड़े हैं। बागची ने खुदरा बैंकिंग, कॉरपोरेट बैंकिंग एवं ट्रेजरी, निवेश बैंकिंग, लघु उद्योग और भुगतान एवं निपटान प्रणाली जैसे क्षेत्रों में व्यापक काम किया है। वह अपनी मौजूदा भूमिका से पहले आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड में एमडी एवं सीईओ थे।
बैंक के मौजूदा एमडी और सीईओ संदीप बख्शी ने अपनी पूववर्ती चंदा कोछड़ से संबंधित विवादों के बीच अक्टूबर, 2018 में आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाली थी। कोछड़ को कंपनी प्रशासन से संबंधित समस्याओं के कारण पद छोडऩा पड़ा था। भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2021 मेें बख्शी की अक्टूबर 2023 तक पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दी थी।