चेक बाउंस के मामलों में पीडि़तों को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को 5 राज्यों में सेवानिवृत्त न्यायधीशों की अध्यक्षता में विशेष न्यायालयों के गठन का आदेश दिया है। विशेष न्यायालय उन राज्यों में होंगे, जहां चेक बाउंस के सर्वाधिक मामले हैं।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एस रवींद्र भट्ट के पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से विशेष न्यायालयों का गठन किया जाए, जो द नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट ऐक्ट (चेक डिसऑनर) की धारा 138 के तहत आने वाले चेक बाउंस के मामलों की सुनवाई करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘हमने न्यायालय मित्रों (एमिकस क्यूरी) के सुझावों को माना है, जो 5 राज्यों के 5 जिलों में प्रायोगिक न्यायालय के गठन से संबंधित है। हमने इसके लिए समय सीमा भी तय की है।’
न्यायालय ने अपने सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया है कि वे आदेश के बारे में 5 राज्यों के उच्च न्यायालयों के रजिस्टार जनरल को सूचना दें और उन्हें निर्देश दें कि इसके अनुपालन को लेकर वे 21 जुलाई, 2022 तक शपथपत्र दाखिल करें। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 26 जुलाई तय की गई है।
एमिकस की ओर से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह सुझाव दिया गया है कि उच्च न्यायालयों को इस मकसद के लिए अपने सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की सेवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। इस योजना का परीक्षण प्रायोगिक स्तर पर 5 राज्यों में शुरू किया जा सकता है, जहां लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है।’