दीवाली करीब है और इसे देखते हुए ऋणदाताओं ने आवास ऋण (होम लोन) पर विशेष पेशकश की घोषणा करना शुरू कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नए उधारकर्ताओं को ब्याज दर पर (होम लोन बैलेंस ट्रांसफर पर भी) 25 आधार अंक तक की छूट दे रहा है।
बैंक ने 31 जनवरी, 2023 तक प्रॉसेसिंग शुल्क में भी छूट दी है। एचडीएफसी नए उधारकर्ताओं को ब्याज दर पर 20 आधार अंक तक छूट दे रहा है। एसबीआई और एचडीएफसी दोनों ने अपनी न्यूनतम ब्याज दर को 8.4 फीसदी कर दिया है। कई अन्य ऋणदाताओं ने भी प्रॉसेसिंग शुल्क में छूट की घोषणा की है।
क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है दर
याद रखें कि त्योहारी पेशकश के तहत घोषित कम दरें सभी के लिए उपलब्ध नहीं हैं। आवास ऋण पर ब्याज दर अब आपके क्रेडिट स्कोर से जुड़ी हुई है। यदि आपका स्कोर 750 से अधिक (कुछ मामलों में 800 से ऊपर) है तो आपको सबसे अच्छी दरें मिलेंगी। यदि आपको ब्याज दर में कटौती और प्रॉसेसिंग शुल्क में छूट के बीच चयन करना हो तो दर में कटौती का विकल्प चुनें क्योंकि उसके कई लाभ हैं। प्रॉसेसिंग शुल्क में छूट दिए जाने से 10,000 से 15,000 रुपये की बचत हो सकती है।
बैंक बाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने कहा, ‘प्रॉसेसिंग शुल्क में छूट का मतलब यह भी है कि यदि आप ऋण प्रॉसेस होने के बावजूद उसे नहीं लेना चाहते हैं तो आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा।’
विशेष पेशकश सीमित अवधि के लिए उपलब्ध हैं। 4बी नेटवर्क्स के निदेशक (होम लोन डेस्क) आदित्य मिश्रा ने कहा, ‘ब्याज दर और ऋण संबंधी अन्य शर्तें रकम हस्तांतरण की तारीख पर लागू होती हैं।
मान लीजिए कि आप 30 नवंबर तक किसी विशेष पेशकश के साथ ऋण के लिए आवेदन करते हैं। आपका ऋण इस तिथि से पहले स्वीकृत हो जाता है लेकिन आपके खाते में रकम का हस्तांतरण बाद में होता है। ऐसे में आपको विशेष पेशकश का लाभ नहीं मिलेगा।’ विशेषज्ञों का कहना है कि आप केवल पेशकश को देखते हुए ऋणदाता का चयन न करें।
इन मुद्दों पर भी करें विचार
ऋणदाता का चयन करने में सबसे महत्त्वपूर्ण कारक वह रकम है जिसे उपलब्ध कराने के लिए ऋणदाता तैयार है। मिश्रा ने कहा, ‘जब आप संपत्ति का चयन कर लेते हैं और यह तय कर लेते हैं कि आप अपनी जेब से कितना भुगतान कर सकते हैं तो आपको एक खास रकम के लिए ऋण लेने की जरूरत होती है। आपकी जरूरत के मुताबिक रकम उधार देने के इच्छुक ऋणदाता का चयन करें।’ यदि एक से अधिक ऋणदाता उपयुक्त रकम उधार देने के लिए तैयार हैं तो आप ब्याज दरों और प्रॉसेसिंग शुल्क की तुलना कर सकते हैं।
ऋण की अवधि भी अलग-अलग ऋणदाताओं की भिन्न होती है। ऋण की अवधि जितनी लंबी होगी ईएमआई की रकम उतनी ही कम होती है। मिश्रा ने कहा, ‘लेकिन लंबी अवधि का मतलब बड़ा संचयी ब्याज भी है, इसलिए सावधानी से चयन करें।’
यदि आप किसी निर्माणाधीन परियोजना के तहत संपत्ति खरीदते हैं तो आप कब्जे तक प्री-ईएमआई का भुगतान करेंगे। ऋणदाता द्वारा वितरित रकम बढ़ने के साथ ही प्री-ईएमआई में भी वृद्धि होती है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि आपके पास बढ़ती प्री-ईएमआई के लिए खाते में पर्याप्त रकम उपलब्ध है।
मिश्रा ने कहा, ‘ऐसे ऋणदाता की तलाश करें जो कि किस्त में ऋण की पेशकश करता हो। आमतौर पर प्री-ईएमआई में आप केवल ब्याज का भुगतान करते हैं लेकिन किस्त ऋण में आप मूलधन का एक हिस्सा भी चुकाते रहते हैं। इससे आपका कुल ब्याज खर्च कम होगा।’
फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रीपो दर में बढ़ोतरी कर रहा है। अधिकतर बैंकों की आवास ऋण दरें इसी बेंचमार्क दर से जुड़ी हुई हैं। इसलिए ऋण की दरें बढ़ रही हैं और उधारकर्ताओं का संचयी ब्याज बोझ भी बढ़ रहा है।