सरकारी स्वामित्व वाला भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) मार्च 2022 की तिमाही में शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर करीब 66 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है। यह विश्लेषकों का मानना है। उनका कहना है कि शुद्ध ब्याज आय में खासा सुधार और क्रेडिट बुक में मजबूत विस्तार से लाभ को सहारा मिला।
एसबीआई तिमाही नतीजा शुक्रवार 13 मई को घोषित करने वाला है। ब्रोकरेज के अनुमानों के मुताबिक, एसबीआई का चौथी तिमाही का लाभ सालाना आधार पर 63 से 72 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,493 से 11,056.7 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है। वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में एसबीआई का लाभ 8,432 करोड़ रुपये और पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,451 करोड़ रुपये रहा था।
नोमूरा के विश्लेषकों ने नतीजे पूर्व समीक्षा रिपोर्ट में कहा है, हमें लगता है कि शुद्ध लाभ सालाना आधार पर करीब 63 फीसदी बढ़ेगा, जिसे प्रावधान पूर्व लाभ में सालाना आधार पर 7 फीसदी की बढ़ोतरी से सहारा मिलेगा, लेकिन कम ट्रेजरी आय इसे सीमित करेगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा है कि बॉन्ड प्रतिफल में इजाफे का ट्रेजरी आय पर असर पड़ सकता है।
इसके बावजूद कर पश्चात लाभ को शुद्ध ब्याज आय में सालाना आधार पर 19 फीसदी की बढ़ोतरी से सहारा मिलेगा, जो 32,100 करोड़ रुपये रह सकती है। एक साल पहले की समान अवधि में शुद्ध ब्याज आय 27,067 करोड़ रुपये और दिसंबर 2021 की तिमाही में 30,687 करोड़ रुपये रही थी। हालांकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज एसबीआई के लाभ का काफी सतर्क व आशावादी अनुमान 9,514.3 करोड़ रुपये दे रही है, जो सालाना आधार पर 47 फीसदी ज्यादा है। इसके अलावा जेफरीज का माना है कि शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 99 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 12,900 करोड़ रुपये रहेगा।
ऋण व परिसंपत्ति गुणवत्ता
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक, एसबीआई का क्रेडिट ग्रोथ तिमाही दर तिमाही 4 फीसदी और सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़कर 26.78 लाख करोड़ रुपये रहेगा। जिसे खुदरा, कॉरपोरेट और विदेशी उधारी से सहारा मिलेगा।
वैश्विक ब्रोकरेज सिटी का माना है कि बैंंक की लोनबुक सालाना आधार पर 10 फीसदी बढ़कर 26.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 24.5 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 25.8 लाख करोड़ रुपये रही थी।
बैंक की जमाएं सालाना आधार पर 7 फीसदी और तिमाही आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 39.43 लाख करोड़ रुपये रह सकती है, जो वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में 36.8 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 38.5 लाख करोड़ रुपये रही थी।
इस पृष्ठभूमि में शुद्ध ब्याज मार्जिन 3 से 3.12 फीसदी रह सकता है, जो वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 3.15 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.9 फीसदी रहा था। परिसंपत्ति गुणवत्ता के संदर्भ में मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि बैंक लगातार बेहतर प्रदर्शन करेगा और फंसे कर्ज की वसूली में लगातार सुधार लाएगा।
ब्रोकरों ने सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात 4.3 प्रतिशत पर तय किया है, जो तिमाही आधार पर 4.5 प्रतिशत और सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्घि है। शुद्घ एनपीए अनुपात 1.2 प्रतिशत पर दर्ज किया गया, जबकि तिमाही आधार पर यह 1.3 प्रतिशत और सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत रहा। तिमाही आधार पर प्रावधान संबंधित खर्च में इजाफा हो सकता है और ब्रोकरों को यह 7,110 करोड़ रुपये से 10,040.7 करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है, जो तिमाही आधार पर 6,974.1 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
