भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा आने के एक दिन पहले राज्य सरकार के बॉन्डों की नीलामी में प्रतिफल 8 से 15 आधार अंक बढ़ गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 10 साल के पेपर के लिए कट-ऑफ 7.89 प्रतिशत था, जो पिछले सप्ताह करीब 7.81 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक और इक्रा के आंकड़ों के मुताबिक इसके साथ ही 12-13 साल के परिपक्वता में यह आज 8.03 प्रतिशत था, जो पिछले सप्ताह 7.87 प्रतिशत था। महाराष्ट्र सरकार एकमात्र सरकार है, जिसने 10 साल के पेपर के माध्यम से 2,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
बॉन्ड डीलरों ने कहा कि राज्य सरकार के पेपर के प्रतिफल में बढ़ोतरी ट्रेडरी बिलों, भारत सरकार के बॉन्डों और कॉर्पोरेट पेपर्स में तेजी के अनुरूप ही है। इससे पता चलता है कि महंगाई से लड़ने के लिए आगे और नीतिगत दरों में सख्ती लाए जाने की उम्मीद है।
चार राज्यों, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु ने 12,000 करोड़ रुपये डेवलपमेंट बॉन्डो के माध्यम से जुटाए हैं, जिनके पेपर की अवधि 8 से 14 साल है।
पिछले सप्ताह (31 मई, 2022) में 11 राज्य सरकारों ने डेवलपमेंट बॉन्डों के माध्यम से 22,500 करोड़ रुपये जुटाए थे।
10 साल के एसडीएल और 10 साल के भारत सरकार के पेपर के बीच प्रसार बढ़कर 40 से 50 आधार अंक हो गया है। स्प्रेड आपूर्ति की मात्रा के आधार पर आकार लेता है। स्प्रेड या प्रसार उस समय और बढ़ जाता है जब कई राज्य उधारी योजना लेकर बाजार में उतरते हैं। उस समय यह कम होता है, जब कुछ राज्य कम मात्रा लेकर आते हैं।
असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड सहित 9 राज्यों ने शुरुआत में संकेत दिए थे कि वित्त वर्ष 23 के अप्रैल मई महीने में उधारी लेंगे, जिन्हें अभी एसडीएल बाजार में पहुंचना है।