महामारी की वजह से भारत में खासकर खुदरा क्षेत्र में डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ी है। पिछले साल खुदरा डिजिटल भुगतान में जोरदार बढ़ोतरी हुई है क्योंकि ज्यादातर लोगों ने संक्रमण के डर और सुविधाजनक होने की वजह से लेन देन के लिए डिजिटल भुगतान अपनाया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि थोक लेन-देन मूल्य सुस्त हुआ है, लेकिन मात्रा में महामारी के दौरान बढ़ोतरी हुई है। पहले के साल की तुलना में नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, नैशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक् शन और भारत बिल पेमेंट सिस्टम में तेजी आई है। अन्य खुदरा भुगतान प्लेटफॉर्म जैसे यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस, इमीडिएट पेमेंट सर्विस और नैशलन ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस वित्त वर्ष 2020 और 2021 के बीच लेन देन की मात्रा के हिसाब से करीब दोगुना होकर 12.5 अरब से 22.3 अरब हो गया है, जबकि मूल्य के हिसाब से यह 21.3 लाख करोड़ रुपये से 41 लाख करोड़ रुपये हो गया है।