भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपने कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने की कवायद में जुट गया है।
आरबीआई देश के चार महानगरों- चेन्नई, मुंबई, कोलकाता और नई दिल्ली में क्षेत्रीय निदेशक के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नत कर कार्यकारी निदेशक के स्तर पर लाने की योजना बना रहा है।
इन मामलों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव को बैंक के मानव संसाधन विभाग द्वारा उच्चस्तरीय प्रबंधकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। सूत्रों के मुताबिक आरबीआई द्वारा अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी सौंपने के कारण केंद्रीय बैंक में कार्यरत वरिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति की संभावना काफी कम हो गई है। गौरतलब है कि ये कर्मचारी पहले अन्य वित्तीय संस्थानों में कार्यरत थे जहां आरबीआई हिस्सेदार था।
फिलहाल केंद्रीय बैंक के सभी स्तरों के कर्मचारियों में घोर निराशा व्याप्त है और वे बेहद असंतुष्ट हैं। बैंक के एक कर्मचारी ने बताया, ”केंद्रीय बैंक इस बात का गवाह रहा है कि साल 2007 में प्रबंधन के विभिन्न पदों पर से अनेक कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया था। उस समय कर्मचारी विदेशों और निजी क्षेत्रों की ओर कूच कर गए थे।”
बहरहाल, वरिष्ठ कर्मचारियों को लुभाने के साथ-साथ बैंक की योजना प्रवेश स्तर पर सुयोग्य प्रतिभाओं को आकर्षित करने का भी है। युवाओं को लुभाने के लिए आरबीआई ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए समर इंटर्नशिप और युवा छात्र पुरस्कार योजना (यंग स्कॉलर अवार्ड स्कीम) शुरू की है। आरबीआई चाहता है कि छात्र अपने शुरुआती दौर में ही केंद्रीय बैंकों में काम करने को उत्सुक हों। अगर युवा इस ओर आकर्षित होते हैं तो वे आरबीआई में अपना कैरियर बनाने के बारे में सोच सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि बीते एक साल में केंद्रीय बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों के नैतिक स्तर में काफी कमी आई है। यही वजह है कि टॉप मैनेजमेंट ने विभिन्न पदों पर कार्यरत वरिष्ठ कर्मचारियों को खेद पत्र भेजा है, जिससे भविष्य में उनके व्यावसायिक विकास पर प्रभाव पड़ेगा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ मामले ऐसे भी हैं जहां कर्मचारियों ने व्यक्तिगत हित के लिए स्वेच्छा से सेवा-निवृत होने की मांग की है। हालांकि केंद्रीय बैंकों ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है। उच्चस्तरीय प्रबंधकों ने कर्मचारियों के पिछले प्रदर्शन के हिसाब से खेद पत्र जारी किया है। सूत्रों का कहना है कि जनहित में अगर यह मामला आगे बढ़ाया जाता है तो जांच-पड़ताल की गुंजाइश काफी कम हो जाएगी।
बड़ा कदम
आरबीआई द्वारा कर्मचारियों के नैतिक स्तर को सुधारने की कवायद
केंद्रीय बैंक में कार्यरत वरिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति की संभावना काफी कम हो गई है क्योंकि अपने हिस्से का भार अन्य बैंकों और संस्थानों पर डाल रहा है
साल 2007 में आरबीआई इस बात का गवाह रहा है कि उसके ज्यादातर कर्मचारी नौकरियों से इस्तीफा देकर विदेशों और निजी क्षेत्रों की ओर कूच कर गए थे