दिसंबर 2022 को समाप्त हुई तिमाही (वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही) में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों (PSBs) ने शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर (YoY) 65.7 प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ 28,620 करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया है।
यह वृद्धि मुख्य रूप से शुद्ध ब्याज आय (NII) में लगातार बढ़ोतरी के कारण हुई है।
सरकारी स्वामित्व वाले इन ऋणदाताओं ने क्रमिक रूप में जुलाई-सितंबर 2022 (वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही) के 25,183 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के मुकाबले 13.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में पीएसबी का लगभग 50 प्रतिशत शुद्ध लाभ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से आया, जो भारत का सबसे बड़ा ऋणदाता है। बीएस रिसर्च ब्यूरो द्वारा 11 बैंकों के संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
SBI ने 14,205 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जो किसी तिमाही का सर्वाधिक मुनाफा है। चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) को छोड़कर सभी PSBs ने अपने परिणाम घोषित कर दिए हैं। IOB 9 फरवरी को परिणाम घोषित करेगा।
सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों ने शुद्ध ब्याज आय में सालाना आधार पर 24.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 94,409 करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया है। क्रमिक रूप में यह दूसरी तिमाही के 86,314 करोड़ रुपये की तुलना में 9.4 प्रतिशत बढ़ा है।
बैंकरों ने कहा कि ऋण की मात्रा में वृद्धि, पुनर्मूल्यांकन वाले ऋण का लाभ और कड़े ब्याज दर चक्र के बीच ऋण दरों में वृद्धि ने भी दमदार शुद्ध ब्याज आय में योगदान किया है।
लाभ का संकेत देने वाला शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) बढ़कर 3.55 प्रतिशत ( जो वित्त वर्ष 17 से 22 के दौरान औसतन 3.1 प्रतिशत रहा) हो गया है। Fitch Ratings ने कहा कि बैंकों द्वारा जमा दरों में बढ़ोतरी के आधार पर इसमें बदलाव होने वाला है।
दिसंबर 2022 तक बैंकिंग प्रणाली के ऋणों में सालाना आधार पर 14.9 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, जो एक साल पहले की 9.2 प्रतिशत की सालाना आधार की वृद्धि दर से अधिक रहा है। सालाना आधार पर ऋणों में 17.2 प्रतिशत और जमा में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अन्य आय, जिसमें कमीशन, शुल्क, ट्रेजरी से प्राप्त राजस्व तथा बट्टे खाते से होने वसूली शामिल है, ने तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर मुनाफे में 23.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 31,284 करोड़ रुपये का इजफा दर्ज किया।
पिछली तिमाही में इसमें सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। पिछली तिमाही की तुलना में इस तिमाही के दौरान बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल (bond yields ) का दबाव कम रहा। क्रमिक रूप में वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में दर्ज 27,227 करोड़ रुपये की अन्य आय के मुकाबले इस अवधि में 14.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ।