facebookmetapixel
इन्वेस्ट यूपी के बाद योगी सरकार का नया फैसला, जिला उद्योग केंद्रों को कॉरपोरेट रूप देने की योजनाQ2 Results: इस हफ्ते 300 से ज्यादा कंपनियों के नतीजे, लिस्ट में अदाणी ग्रुप की 3 कंपनियां; देखें पूरी लिस्टPSU Stock: रेलवे पीएसयू कंपनी को मिला ₹168 करोड़ का ऑर्डर, सोमवार को शेयर में दिख सकता है तगड़ा एक्शनLenskart 31 अक्टूबर को लॉन्च करेगा IPO, 2,150 करोड़ रुपये जुटाने का है लक्ष्यDividend Stocks: अगले हफ्ते Infosys, CESC और Tanla Platforms शेयरधारकों को देंगे डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टStock Market Outlook: Q2 नतीजों से लेकर फेड के फैसले और यूएस ट्रेड डील तक, ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चालअनिल अग्रवाल की Vedanta ने $500 मिलियन बांड जारी कर कर्ज का बोझ घटायाMaruti Suzuki के दम पर भारत का वाहन निर्यात 18% बढ़ा: SIAMअदाणी की फंडिंग में US इंश्योरर्स की एंट्री, LIC रही पीछेMCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमके

जमा सर्कुलर जारी करने में निजी बैंकों की हिस्सेदारी घटी, सरकारी बैंकों की बढ़ी

बैंकों को जमा वृद्धि से अधिक हासिल करने और नकदी की तंगी से उबरने के लिए मजबूत ऋण वृद्धि की आवश्यकता थी। इसलिए बैंकों ने अधिक सीडी जारी किए हैं।

Last Updated- June 25, 2025 | 11:31 PM IST
Banks

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की वर्ष 2022 से 2024 के बीच जमा परिपत्र (सीडी) जारी करने में हिस्सेदारी महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ी है जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों (पीवीबी) की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की बुलेटिन रिपोर्ट के अनुसार पीएसबी की हिस्सेदारी दिसंबर, 2024 में तेजी से बढ़कर 69 प्रतिशत हो गई जबकि यह 2022 में केवल 6 प्रतिशत थी। हालांकि इस अवधि में पीवीबी की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह इस सामान्य धारणा के विपरीत है कि निजी क्षेत्र के बैंक चालू और बचत खाता (कासा) जमा को पूरक करने के लिए काफी हद तक सीडी जारी करते हैं।’ रिपोर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंड सीडी में प्राथमिक निवेशक बने हुए हैं। इन्हें इक्विटी बाजारों में खुदरा भागीदारी में वृद्धि का समर्थन प्राप्त है। इसलिए म्यूचुअल फंड से अधिक परिसंपत्ति आवंटन हुआ है।

बैंकों को जमा वृद्धि से अधिक हासिल करने और नकदी की तंगी से उबरने के लिए मजबूत ऋण वृद्धि की आवश्यकता थी। इसलिए बैंकों ने अधिक सीडी जारी किए हैं। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में सीडी जारी करना बढ़कर रिकॉर्ड 3.70 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान मजबूत ऋण मांग, नकदी घाटे और सुस्त जमा वृद्धि के बीच सीडी जारी करने की मात्रा 3.70 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।’ इसमें यह भी प्रकाश डाला गया कि छोटे वित्त बैंकों (एसएफबी) को अपेक्षाकृत अधिक दरें देनी पड़ीं, जबकि पीएसबी अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर धन जुटाने में सक्षम थे।

विश्व स्तर पर बैंक और जमा लेने वाले संस्थान सीडी के प्राथमिक जारीकर्ता हैं, जबकि निवेशकों में आमतौर पर म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा कंपनियां और नकदी-समृद्ध गैर-वित्तीय निगम शामिल होते हैं। मार्च में नकदी की कमी के कारण सीडी जारी करने में तेजी आई। इसका कारण यह था कि बैंकों ने वित्तीय वर्ष के अंत में अल्पकालिक वित्त पोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए सीडी का उपयोग किया।

अप्रैल 2022 से सीडी जारी करने की मात्रा बढ़ रही है, जो मार्च 2025 में 1.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कुल बकाया सीडी जारी करने की मात्रा रिकॉर्ड 11.75 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

First Published - June 25, 2025 | 11:23 PM IST

संबंधित पोस्ट