भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रीपो दर में 50 आधार अंक बढ़ाए जाने के एक दिन बाद आज आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कुछ बैंकों ने बाह्य बेंचमार्क से जुड़े कर्ज की ब्याज दर में 50 आधार अंक का इजाफा कर दिया।
निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने बाह्य बेंचमार्क उधारी दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 8.60 फीसदी कर दी। बैंक ऑफ बड़ौदा ने रीपो से जुड़ी अपनी उधारी दर को बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया। आरबीएल बैंक ने भी इसी कतार में शामिल होते हुए कर्ज की ब्याज दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी है, जो 8 जून यानी आज से ही प्रभावी हो गई है। निजी क्षेत्र के ऋणदाता फेडरल बैंक ने भी रीपो से जुड़ी ऋण दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी की है।
दूसरी ओर कोटक महिंद्रा बैंक ने बचत खाते और सावधि जमा पर ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। बैंक ने कहा कि बचत खाते में 50 लाख रुपये से अधिक दैनिक राशि बचे रहने पर अब 3.5 फीसदी के बजाय 4 फीसदी सालाना ब्याज दिया जाएगा। इसके साथ ही 375 से 389 दिनों और 390 दिनों की परिपक्वता अवधि वाले सावधि जमा पर ब्याज दरों में 10 से 25 आधार अंक की वृद्धि की गई है।
कोटक महिंद्रा बैंक में कंज्यूमर बैंकिंग के समूह अध्यक्ष शांति एकांबरम ने कहा, ‘ब्याज दरें अब ऊपर जाएंगी। हमने अपने बचत खाते पर ब्याज दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 4 फीसदी सालाना कर दी है। साथ ही विभिन्न अवधि के लिए सावधि जमा पर भी ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं।’
मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को रीपो दर 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.90 फीसदी कर दी थी। बढ़ती मुद्रास्फीति के मद्देनजर मई से रीपो दर में 90 आधार अंक की वृद्धि की जा चुकी है। मुद्रास्फीति 6 फीसदी के तय दायरे से लगातार ऊपर बनी हुई है। यही वजह है कि रीपो दर में बढ़ोतरी के साथ ही बाह्य बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दरों में इजाफा हो रहा है।
मौद्रिक नीति समिति ने मई में निर्धारित बैठक के बिना रीपो दर में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी कर नरम मौद्रिक नीति के दिन लदने के संकेत दिए थे और अब मौद्रिक नीति के सख्त होने की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगस्त और अक्टूबर में भी रीपो दर में वृद्धि की जा सकती है और अक्टूबर तक रीपो दर 5.5 फीसदी पर पहुंच सकती है।
मई में आरबीआई द्वारा रीपो दर बढ़ाए जाने के बाद कई बैंकों ने सीमांत लागत आधारित उधारी दर में भी इजाफा किया था। एचडीएफसी बैंक ने एमसीएलआर में 60 आधार अंक की वृद्धि की थी।
आईसीआईसीआई बैंक ने इसमें 30 आधार अंक और पंजाब नैशनल बैंक ने एमसीएलआर में 15 आधार अंक तथा एसबीआई ने 10 आधार अंक की बढ़ोतरी की है।
भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘…बाह्य बेंचमार्क आधारित उधारी दर से जुड़े कर्ज पर ब्याज बढ़ रहा है, रीपो दर बढ़ाने से मुद्रास्फीति में कमी आएगी लेकिन उधारी मांग भी प्रभावित हागी।
रीपो दर में प्रत्येक 1 आधार अंक की बढ़ोतरी से खुदरा और एमएसएमई ग्राहकों की उधारी मांग पर 305 करोड़ रुपये का असर पड़ता है। रीपो दर 5.75 फीसदी तक पहुंचती है तो उधारी मांग में 45,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी।’
रीपो दर बढ़ाए जाने का बैंकों ने स्वागत किया है क्योंकि ब्याज दर बढ़ने से ऋण पर उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा। इस बार नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) नहीं बढ़ाया गया है, जिससे बैंकों के मार्जिन पर सकारात्मक असर होगा।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2021 तक 58.2 फीसदी आवास ऋण सहित 39 फीसदी बैंक ऋण बाह्य बेंचमार्क से जुड़े थे। इसी तरह 69.2 फीसदी एमएसएमई ऋण, 46.2 फीसदी पर्सनल लोन, 31.1 फीसदी वाहन ऋण और 23 फीसदी शिक्षा ऋण बाह्य बेंचमार्क से जुड़े थे।
निचले स्तर पर फिसला रुपया
मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार दूसरे दिन कमजोर होकर 77.77 प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.81 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था।
कच्चा तेल 124 डॉलर/बैरल पर
चीन में मई के निर्यात आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहने के बावजूद कच्चे तेल में थोड़ी नरमी आई लेकिन अब भी यह तीन महीने के उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। अगस्त का ब्रेंट क्रूड वायदा 14 सेंट नीचे 123.44 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।