पिछले साल अक्टूबर में म्युचुअल फंड के वितरकों और बीमा सलाहकारों के एक समूह ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का घेराव किया था ताकि उन्हे एक संस्थागत रुप दिया जाय। लेकिन पिछले साल उन्हें किसी बड़े संस्थागत निवेशक का प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। इस बार व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकारों ने इरिस के साथ मिलकर भारतीय वित्तीय सलाहकार संगठन (एफएएआईडीए) का गठन किया है ताकि नेतृत्व की जरुरतों को पूरी किया जा सके। बाद में संगठन की बेबसाइट लांच की जाएगी।
एफएएआईडीए के करीब 150 सदस्य है और यह मुंबई के बाहर दिल्ली और कोलकाता के व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकारों के साथ बातचीत कर रही है ताकि संगठन के स्वरूप को विस्तारित किया जा सके।
एफएएआईडीए के सदस्य हसन वांगडे का कहना है कि व्यक्तिगत वित्तीय निवेशकों के लिये कोई संगठन नही है। हमारी संगठन की सदस्यता बढ़ाने की योजना है और इसके बाद हम सेबी(भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड) के समक्ष संगठन को स्वायत्त दर्जा देने की अपील करेंगे। संगठन की पहले ही सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन से एक मीटिंग हो चुकी थी।
सेबी ने जनवरी 2008 में म्युचुअल फंड निवेश करते समय निवेशक से किसी भी प्रकार के प्रवेश शुल्क को नही लेने को अनिवार्य बना दिया था।
वर्तमान में सिर्फ बड़े बैंक और ब्रोकिंग हाउसेस को ही फाइनैंशल प्लानिंग एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया(एफपीएसबीआई) की विशेष सदस्यता प्राप्त है। एफपीएसबीआई 46 विशिष्ट सदस्यों में फिडेलिटी,अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक और डीबीएस चोलासुंदरम एएमसी जैसे बड़े निवेशक हैं।
एक बड़े वित्तीय योजनाकार ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि एफपीएसबीआई का परिचालन एक कंपनी के रुप में किया जाता है और यह सही मायनों में इस क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
