क्रिप्टो एक्सचेंजों की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के साथ नाकामयाबी के बाद, जिसमें उन्हें भुगतान प्लेटफॉर्म के जरिये रुपया जमा करने को अक्षम करना पड़ा था, भारतीय भुगतान परिषद (पीसीआई) के तहत भुगतान एग्रीगेटरों ने भी क्रिप्टो के विनिमय और लेनदेन को शक्ति नहीं दिए जाने के संबंध में सतर्कता बरतने का फैसला किया है। ऐसी परिसंपत्तियों के संबंध में केंद्रीय बैंक द्वारा गंभीर संशय जताये जाने के बाद ऐसा किया जा रहा है।
पीसीआई के चेयरमैन विश्वास पटेल ने कहा कि पेमेंट गेटवे क्रिप्टो एक्सचेंजों को सशक्त करने से बच रहे हैं। एक या दो छोटे भुगतान गेटवे के अलावा ये भुगतान गेटवे लंबे समय से क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह उनकी ओर से सतर्कता का फैसला है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास क्रिप्टोकरेंसी और एक्सचेंजों से संबंधित मसले हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए, बैंक और अन्य भागीदार भी क्रिप्टो व्यापारियों को अनुमति नहीं दे रहे हैं। पटेल ने कहा कि किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज के पास क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से अपना लेनदेन संचालित करने के लिए भुगतान गेटवे नहीं है। वे अपने लेनदेन के लिए आईएमपीएस और एनईएफटी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भुगतान एग्रीगेटर, नेटवर्क और बैंक आरबीआई द्वारा स्वीकृत और विनियमित किए जाते हैं तथा आरबीआई क्रिप्टो के खिलाफ है। इसलिए हम क्रिप्टो एक्सचेंजों से दूरी बना रहे हैं।
अमेरिका के सबसे बड़े क्र्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने कहा था कि उसने यूपीआई के साथ करार किया है। इसके बाद हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था कि वह यूपीआई का इस्तेमाल करने वाले किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज से अवगत नहीं है।
इस स्पष्टीकरण के बाद कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज, जो यूपीआई का उपयोग करके रुपये जमा करने का विकल्प दे रहे थे, ने इसे अक्षम कर दिया। एक खबर के अनुसार एनपीसीआई के स्पष्टीकरण के बाद एनपीसीआई के शेयरधारक कुछ बैंकों ने भुगतान निकाय को क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने के लिए यूपीआई के इस्तेमाल पर औपचारिक निर्देश देने के लिए कहा है। अब तक इस भुगतान निकाय ने, जारी किए गए अपने इस स्पष्टीकरण के अलावा इस तरह के लेनदेन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल रोकने वाला काई औपचारिक परिपत्र जारी नहीं किया है। एनपीसीआई को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
पटेल ने कहा कि ये एक्सचेंज व्यापार आईडी के लिए अलग-अलग नामों का इस्तेमाल करते हैं और भुगतान सेवाओं का उपयोग करते हैं। जब इसे बंद कर दिया जाता है, तो वे अन्य व्यापार आईडी के साथ आ जाते हैं। हालांकि सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन पर कर लगाने का फैसला किया है, लेकिन वह अब भी क्रिप्टोकरेंसी की वैधता के संबंध में कोई कानून नहीं लाई है।
फरवरी की मौद्रिक नीतिगत बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने चेतावनी दी थी कि निजी क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं।