ज्यादातर निजी बैंकों ने जुलाई से सितंबर की अवधि में असुरक्षित ऋण जैसे क्रेडिट कार्ड की गैर निष्पादित संपत्तियों में अहम चूक दर्ज की। ऐक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इनके मुताबिक इन बैंकों ने ज्यादा चूक दर्ज की और अपने पोर्टफोलियो को लेकर सजगता जाहिर की है। इनके विपरीत देश का सबसे बड़ा निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक असुरक्षित खंड में उद्योग के दबाव से अप्रभावित रहा।
ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने बैंक की आय के संबंध में मीडिया से कहा, ‘हम कुछ असुरक्षित परिसंपत्ति और अन्य परिसंपत्ति वर्गों में गुणवत्ता को खराब होता देख रहे हैं।’
ऐक्सिस बैंक ने कुल 4,443 करोड़ रुपये की कुल चूक दर्ज की थी। इसमें ज्यादातर चूक असुरक्षित कारोबार के खंड से आई थी। इसके अलावा बैंक ने 3,100 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले दिए और यह मुख्य तौर पर असुरक्षित पोर्टपोलियो में था।
ऐक्सिस बैंक के समूह कार्यकारी अर्जुन चौधरी ने बताया कि बैंक इस समस्या से निपटने के लिए पहले ही कदम उठा चुका है। उन्होंने कहा, ‘इसके तहत उठाए गए कदमों में स्कोर के आसपास कार्रवाई करना, स्कोर्स में सख्ती करना, खर्च की सीमा में कटौती करना है… इन सभी प्रयासों के अच्छे परिणाम उजागर हुए हैं। शुरुआती संकेतों में इस तिमाही में सुधार हुआ है।’
उन्होंने कहा कि बैंक ने विशेष तौर पर इस पोर्टपोलियो को लेकर सावधानी बरती और इसकी निगरानी पर ध्यान दिया। अन्य प्रमुख ऋणदाता कोटक महिंद्रा बैंक को भी चूक बढ़ने के कारण कर्ज के बढ़ते लागत का सामना करना पड़ा। असुरक्षित ऋण विशेष तौर पर क्रेडिट कार्ड और सूक्ष्म वित्त के कारण यह लागत बढ़ी।