त्योहारी सीजन के पहले जुलाई में बैंकों से कर्ज लेने की गतिविधियां बढ़ी हैं। विभिन्न क्षेत्रों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत और 18.8 प्रतिशत के बीच रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2022 में उद्योग को दिया जाने वाला कर्ज 10.5 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि जुलाई 2021 में महज 0.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।
आकार के आधार पर देखें तो मझोले उद्योगों को कर्ज जुलाई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36.8 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पिछले साल के समान महीने में 5.9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। सूक्ष्म और लघु उद्योगों ने 28.3 प्रतिशत ज्यादा कर्ज लिया है, जबकि एक साल पहले 10.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। बड़े उद्योगों के सेग्मेंट में कर्ज में वृद्धि 5.2 प्रतिशत रही है, जबकि जुलाई 2021 में 3.8 प्रतिशत का संकुचन आया था। रेटिंग एजेंसी केयरएज ने कहा कि हाल के वर्षों में कर्ज लेने में सुस्त वृद्धि के बाद अब बैंकों से कर्ज लेने की स्थिति बेहतर हो रही है क्योंकि आर्थिक विस्तार हो रहा है, साथ ही सरकार और निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ रहा है। बैंकरों का कहना है कि त्योहार के मौसम के अलावा जिंसों के बढ़ते दाम और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) लागू करने से भी कर्ज की मांग बढ़ रही है।
इसके अलावा इनपुट लागत की कीमत बढ़ने के कारण कामकाज करने के लिए पूंजी की जरूरत बढ़ने और बाजार से उधारी महंगी होने के कारण भी बैंक से कर्ज लेने की गतिविधियों में तेजी आई है। पिछले साल कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के व्यवधानों के कारण कर्ज की मांग प्रभावित हुई थी।