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बड़ी राहत! BSBD खाताधारक अब फ्री में ले सकेंगे डिजिटल बैंकिंग की सुविधा

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि BSBD खाताधारकों को बिना मिनिमम बैलेंस अमाउंट चार्ज दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार किया गया

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आशुतोष ओझा   
Last Updated- October 01, 2025 | 1:42 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों में बेसिक बचत खाता रखने वालों को बड़ी राहत दी है। बुधवार को मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि नो-फ्रिल्स (No-frills) खाताधारक अब डिजिटल बैंकिंग सुविधा का लाभ फ्री में उठा सकेंगे। दरअसल, रिजर्व बैंक ने बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (BSBD) खातों को दी जाने वाली सेवाओं के दायरा बढ़ाया है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट खाताधारकों को बिना न्यूनतम शेष राशि शुल्क (मिनिमम बैलेंस अमाउंट चार्ज) दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार किया गया है। इसमें अब डिजिटल बैंकिंग (मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग) सेवाओं को भी शामिल किया गया है।

गवर्नर ने कहा कि इंटरनल ओम्बड्समैन (Internal Ombudsman) सिस्टम को मजबूत किया जाएगा ताकि रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा शिकायतों का निपटारा और ज्यादा प्रभावी तरीके से किया जा सके। इसके साथ ही, RBI ओम्बड्समैन योजना में सुधार किया जा रहा है और ग्रामीण सहकारी बैंकों को इस योजना में शामिल किया जा रहा है।

BSBD खाता में क्या है सुविधा

  • BSBD खाता किसी भी बैंक में खुलवाए जाने वाला सबसे बेसिक खाता होता है। इसके लिए KYC मानदंड काफी सरल होते हैं।
  • BSBD खाते की सुविधा इसलिए है कि खाताधारकों को जरूरी बैंकिंग सेवाएं बिना किसी शुल्क मिल सके।
  • सरकार की तरफ से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के मकसद से बीएसबीडी अकाउंट की सुविधा दी जाती है।
  • हालांकि, BSBD खाताधारक उस बैंक में कोई अन्य सेविंग्स बैंक खाता नहीं खोल सकते।
  • अगर ग्राहक के पास बैंक में कोई अन्य सेविंग्स बैंक खाता है, तो उसे BSBD खाता खुलवाने की तारीख से 30 दिनों के भीतर उसे बंद करना होगा।
  • इस खाते के अंतर्गत बैंक शाखाओं और एटीएम/CDM से नकद जमा, और महीने में कम से कम चार निकासी (एटीएम से निकासी शामिल) मुफ्त में की जा सकती है।

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RBI गवर्नर ने किए कई अहम ऐलान

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान कई अन्य फैसलों का ऐलान किया। इनमें विदेशी मुद्रा नियमों में ढील, इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग, नए यूनिवर्सल बैंक लाइसेंसिंग ड्रॉफ्ट, रुपये के अंतराष्ट्रीयकरण, शेयरों और अन्य वित्तीय साधनों के बदले लोन देने की सीमा में ढील देने जैसे उपाय शामिल हैं।

बता दें, नीतिगत समीक्षा में रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक प्रमुख नीतिगत दर रीपो को 5.5 फीसदी पर बरकार रखा है। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आम सहमति से यह फैसला किया। इसके साथ ही मौद्रिक नीति रुख ‘न्यूट्रल’ बनाए रखने का भी फैसला लिया। हालांकि दो बाहरी सदस्यों (नागेश कुमार और राम सिंह) ने ‘अकोमडेटिव’ रुख अपनाने का पक्ष लिया। समिति के छह सदस्यों में तीन सदस्य बाहर से होते हैं। इसके अन्य सदस्य सौगत भट्टाचार्य (बाह्य सदस्य), डॉ. पूनम गुप्ता और इंद्रनील भट्टाचार्य हैं। एमपीसी की अगली बैठक तीन से 5 दिसंबर, 2025 को होगी।

First Published : October 1, 2025 | 1:37 PM IST