भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष 2026 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृदि्ध दर (GDP ग्रोथ) का अनुमान बढ़ाकर 6.8 फीसदी किया है। पहले का अनुमान 6.5 फीसदी था। RBI गवर्नर ने कहा कि FY26 की दूसरी तिमाही (Q2) में जीडीपी ग्रोथ 7%, तीसरी तिमाही (Q3) में 6.4% और चौथी तिमाही (Q4) में 6.2% रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि देश की आर्थिक वृद्धि अपेक्षा से बेहतर रही है और आगे भी मजबूत रहने की उम्मीद है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। चालू वित्त् वर्ष की पहली तिमाही (Q1) में GDP 7.8% और GVA 7.6% बढ़ा, जो पहले के अनुमान से अधिक है। अब तक के आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही (Q2) में भी अच्छी गति से बढ़ रही है। घरेलू उत्पादन और उपभोग में सुधार ने आर्थिक गतिविधियों को तेज किया है और निवेश में स्थिरता बनी हुई है।
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RBI ने कहा कि भारत का विदेशी सेक्टर मजबूत है और देश अपनी विदेश से जुड़ी वित्तीय जिम्मेदारियों को आसानी से पूरा कर सकता है। हालांकि, रुपया थोड़ा कमजोर हुआ और समय-समय पर उतार-चढ़ाव देखा गया। RBI ने स्पष्ट किया कि रुपये की चाल पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि मुद्रा स्थिर रहे और विदेशी लेनदेन प्रभावित न हों।
RBI गवर्नर ने बताया कि दुनिया की अर्थव्यवस्था उम्मीद से मजबूत बनी रही, खासकर अमेरिका और चीन में अच्छी वृद्धि देखने को मिली। लेकिन, नीतियों में अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के कारण आगे का हाल स्पष्ट नहीं है। कुछ विकसित देशों में महंगाई अपने लक्ष्य से ऊपर रही, जिससे केंद्रीय बैंकों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया और अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ क्योंकि अमेरिका की दूसरी तिमाही की वृद्धि के आंकड़े ऊपर दिखाए गए।