भारतीय बैंक फ्यूचर समूह में फंसा 18,850 करोड़ रुपये का कर्ज बेचने के लिए नवगठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) से बात कर रहे हैं। यह कवायद तब हो रही है जब फ्यूचर समूह पर राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट के मुंबई पीठ में दिवालिया कार्यवाही चल रही है और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी के खातों की फॉरेंसिक जांच के आदेश दिए हैं।
बैंकिंग सूत्रों के अनुसार फ्यूचर समूह का कर्ज इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बिक सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले एक बैंकर ने कहा, ‘बैंक फ्यूचर रिटेल का 10,700 करोड़ रुपये और फ्यचूर एंटरप्राइजेज तथा अन्य का 5,800 करोड़ रुपये का कर्ज बेचने की योजना बना रहे हैं। कितना कर्ज बेचा जाएगा, यह एनएआरसीएल तय करेगी।’
अगस्त 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ किया गया सौदा पूरा नहीं कर पाने के कारण फ्यूचर समूह की कंपनियों को दिवाला अदालत में भेजा गया है। अमेरिकी रिटेल दिग्गज एमेजॉन द्वारा इस सौदे का विरोध किए जाने और मामले को सिंगापुर मध्यस्थता अदालत तथा उसके बाद भारतीय अदालत में ले जाए जाने के कारण यह सौदा नहीं हो पाया। इस साल फरवरी में रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल के 947 स्टोर अपने कब्जे में ले लिए थे। उसका कहना था कि इन स्टोरों को पट्टे पर फ्यूचर को दिया गया था।
नई योजना के अनुसार बैंकों को एनएआरसीएल से अग्रिम नकद के तौर पर संपत्तियों के मूल्य का 15 फीसदी प्राप्त होगा और शेष राशि नई इकाई द्वारा बॉन्ड के रूप में जारी की जाएगी। ये बॉन्ड भुनाए जा सकेंगे और निवेशक एक दूसरे से खरीद-बेच भी सकेंगे। सरकार ने एनएआरसीएल द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड के लिए 30,600 करोड़ रुपये तक गारंटी देने का निर्णय किया है।
यह गारंटी पांच साल के लिए होगी और इससे बॉन्ड के अंकित मूल्य और वास्तविक प्रतिफल में कमी की भरपाई की जाएगी। सरकार ने उम्मीद जताई है कि उसकी गारंटी से बॉन्डों की तरलता बढ़ेगी और विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे। एनएआरसीएल कर्ज खरीद लेगी तो दूसरी कंपनी – इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी इन परिसंपत्तियों का प्रबंधन कर कंपनी को पटरी पर लाने में मदद करेगी।