बैंक मौजूदा वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करके करीब 8 लाख करोड़ रुपये जुटा चुके हैं। बैंकों ने यह राशि नकदी जुटाने और इसकी लागत के प्रबंधन के मुश्किल वातावरण में जुटाई है।
प्राइमडेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 25 (13 दिसंबर तक) में कुल 7.93 लाख करोड़ रुपये के सीडी जारी हुए। दिसंबर के पहले पखवाड़े में ही 81,000 करोड़ रुपये से अधिक के सीडी जारी किए गए। लिहाजा दिसंबर में जारी सीडी का स्तर नवंबर में जारी कुल 92,260 करोड़ रुपये के पार निकल जाने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 24 में 9.65 लाख करोड़ रुपये के सीडी जारी किए गए जबकि वित्त वर्ष 23 में 7.28 लाख करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 22 में 2.87 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 21 में 90,890 करोड़ रुपये की सीडी जारी हुए थे।
सीडी मुद्रा बाजार का नेगोशिएबल साधन है और बैंक इसे सात दिन से लेकर अधिकतम एक साल की अवधि के लिए जारी करते हैं। इसके अलावा वित्तीय संस्थाओं को एक से तीन वर्ष के लिए सीडी जारी करने की अनुमति है। इनकी रेंटिंग स्वीकृत रेटिंग एजेंसियां करती हैं जो मांग के अनुसार द्वितीयक बाजार में इनके कारोबार को बेहतर करती हैं।
केयर एज के बीएफएसआई रिसर्च के हेड व एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव के अनुसार, ‘बैंक अपने कोष के लागत के प्रबंधन और जमा राशि में आए अंतर में आई उधारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्यतौर पर सीडी जारी करते हैं। जमा के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में बैंक आक्रामक रूप से जमा पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन वे सीडी पर भी भरोसा कर रहे हैं। वित्त वर्ष 25 में सीडी जारी करने का उच्च स्तर कायम रहा है लेकिन यह भविष्य में स्थिर हो सकता है।’