facebookmetapixel
Stocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदानSectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरीED-IBBI ने घर खरीदारों और बैंकों को राहत देने के लिए नए नियम लागू किएकमजोर बिक्री के बावजूद महंगे हुए मकान, तीसरी तिमाही में 7 से 19 फीसदी बढ़ी मकान की कीमतमुंबई में बिग बी की बड़ी डील – दो फ्लैट्स बिके करोड़ों में, खरीदार कौन हैं?PM Kisan 21st Installment: किसानों के खातें में ₹2,000 की अगली किस्त कब आएगी? चेक करें नया अपडेटनतीजों के बाद दिग्गज Telecom Stock पर ब्रोकरेज बुलिश, कहा- खरीदकर रख लें, ₹2,259 तक जाएगा भावTata Steel के तिमाही नतीजों की तारीख घोषित! जानिए कब खुलेंगे कंपनी के मुनाफे के आंकड़ेटाटा मोटर्स की अहम बैठक 14 नवंबर को, सितंबर तिमाही के नतीजों पर होगी चर्चा

EMI वाले लोन पर फिक्स्ड ब्याज दर रखें बैंक और एनबीएफसी: RBI

आवास और वाहन ऋण के लिए नियत ब्याज दर योजनाओं की पेशकश अनिवार्य, उधारकर्ताओं को फ्लोटिंग से फिक्स्ड रेट बदलने का विकल्प मिलेगा

Last Updated- January 10, 2025 | 10:53 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को आवास ऋण और वाहन ऋण जैसे मासिक किस्त वाले कर्ज के लिए निश्चित रूप से नियत ब्याज दर (फिक्स्ड)वाली ऋण योजनाओं की पेशकश करनी चाहिए।

शुक्रवार को जारी अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू) में नियामक ने कहा, ‘आरई को मासिक किस्त वाले व्यक्तिगत ऋण श्रेणी में अनिवार्य रूप से नियत ब्याज दर वाली ऋण योजनाएं पेश करनी चाहिए। कर्ज लेने वालों को आरई नियत दर का विकल्प चुनने की पेशकश कर सकती हैं, जैसा कि उनके बोर्ड ने ब्याज दरें तय करते समय नीति को मंजूरी दी हो।’

रिजर्व बैंक की परिभाषा के मुताबिक व्यक्तिगत ऋण में किसी व्यक्ति को दिया गया कंज्यूमर क्रेडिट, शिक्षा ऋण, स्थाई संपत्ति जैसे मकान आदि खरीदने के लिए दिए गए कर्ज और वित्तीय संपत्तियों जैसे शेयरों डिबेंचरों आदि में निवेश के लिए लिया गया ऋण शामिल है।

ऋणदाता नियत दर पर वाहन ऋण, असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण मुहैया कराते हैं, लेकिन ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी के पास आवास ऋण के लिए कोई स्थिर ब्याज दर वाली ऋण योजना नहीं है। रिजर्व बैंक ने ग्राहकों से कहा कि वे भी फ्लोटिंग ऋण से नियत दर के ऋण का विकल्प चुन सकते हैं। नियमन के दायरे में आने वाली इकाई को दिखाना जरूरी है कि बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के तहत ऋण की अवधि के दौरान उधारकर्ता कितनी बार बदलाव का विकल्प चुन सकता है। नियामक ने कहा कि विचार यह है कि उधार लेने वालों को फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज से फिक्स्ड रेट वाले कर्ज में जाने या इसके विपरीत विकल्प अपनाने का मौका मिल सके।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि लिया जाने वाला ब्याज आरई के बोर्ड द्वारा मंजूर किया हुआ होना चाहिए और उसे बैंकों को निर्देशों के साथ वेबसाइट पर दिखाना चाहिए।

First Published - January 10, 2025 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट