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सब्सिडिरी में निवेश का सही लेखा-जोखा दे बैंक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:03 AM IST

आरबीआई ने बैंकों से उनके सब्सिडरी, सहयोगी कंपनियों या फिर संयुक्त उपक्रम में किए गए निवेश की जानकारी चाही है। इसमें बैंकों को यह बताना होगा कि यह निवेश अस्थाई है या फिर स्थाई।


केंद्रीय बैंक चाहता है कि इस तरह के निवेश के मामले में बैंक एकाउंटिंग स्टैंडर्ड का स्वयं ही पालन करें न कि उसकी किसी गाइडलाइन का इंतजार करें। आरबीआई ने बुधवार को जारी इस नोटिफिकेशन में यह साफ किया है कि जो निवेश अस्थाई नहीं है, उनका उल्लेख बैंक के कंसालिडेट फाइनेंशियल स्टैटमेंट में होना चाहिए।

आरबीआई के अनुसार द इंस्टीटयुट ऑफ चार्टेड अकाउंटिंग ऑफ इंडिया(आईसीएआई) के एकाउंटिंग स्टैंडर्ड(एएस) 21,23 और 27 सब्सिडरीज, सहायक कंपनियों और संयुक्त उपक्रम में निवेश मानदंड तय करने की बात कहती है। यह नियमवली यह भी बताती है कि किन विशेष परिस्थितियों में यह निवेश कंसालिडेशन से अलग किए जा सकते हैं।

हालांकि इसकी अनुमति तभी होती है जब कोई निवेश विशेष रूप से किसी निश्चित समयावधि के लिए होता है। इसकी अधिकतम सीमा 12 माह है। एक सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक के फाइनेंशियल स्टैटमेंट तैयार करने में सहयोग करने वाले एक कार्यकारी ने बताया कि इस गाइडलाइन का हाल-फिलहाल फाइनेंशियल स्टैटमेंट तैयार करने में कोई असर नहीं पड़ेगा।

अधिकतर बैंक इन स्टैटमेंट की घोषणा कर चुके हैं। अगर कम अवधि के निवेश के बारे में विशेष रूप से कुछ नहीं कहा गया तो यह माना जाएगा कि यह निवेश लंबी अवधि के लिए किया गया है। एक अन्य बैंकर के अनुसार आरबीआई बैंकों को एकाउंटिंग के मानकों के उपयोग के प्रति सचेत करना चाहता है। अब यह ऑडिटर तय करेगा कि इस तरह के निवेश का क्या किया जाए। एक समय सीमा के बैंकों को आरबीआई की ओर से गाइडलाइन जारी होने के इंतजार की आदत को बदलना होगा।

आरबीआई के अनुसार संबंधित निवेश का डिस्पोजल उसके अर्जन के समय ही करना चाहिए। उसने साफ किया कि निवेश करते समय संबंधित बोर्ड ने उसका रिकार्ड रखा तो आरबीआई इसे कंसालिडेट एकाउंट में शामिल मान लेगा।

इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर निवेश अस्थाई नहीं है तो उसे कंसॉलिडेटेड फाइनेंशियल स्टैटमेंट में शामिल किया जाए।
कंसॉलिडेशन से छूट उसी स्थिति में मिलेगी जब निवेश का डिस्पोजल 12 महीने से कम समय में होने वाला हो।

First Published : May 22, 2008 | 10:58 PM IST