भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी हाल के आंकड़ों के मुताबिक 3 जून, 2022 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों के ऋण में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पिछले 3 साल में सर्वाधिक वृद्धि है। पिछले साल बैंक ऋण की वृद्धि दर महज 5.7 प्रतिशत थी। 3 जून, 2022 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों ने 1.02 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया, जिससे बैंकों की ओर से दिया गया कुल ऋण बढ़कर 121.40 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
अप्रैल 2019 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बैंक ऋण में 14.19 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। उधारी दरों में बढ़ोतरी के कारण ऋण में वृद्धि हुई थी। इंडिया रेटिंग्स में डायरेक्टर और हेड, फाइनैंशियल इंस्टीट्यूशंस प्रकाश अग्रवाल ने कहा, ‘दो अंकों में ऋण वृद्धि की कई वजहें हैं, जो हम सिस्टम में देख रहे हैं। महामारी के दौरान कंपनियों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों में कमी आई थी, जो अब सामान्य हो रही है और बढ़ी कार्यशील पूंजी का उपयोग अब सुधर रहा है।’
अग्रवाल ने कहा, ‘इसके साथ ही गैर बैंकिंग सेक्टर की तरफ से कर्ज बढ़ा है, जो पिछले एक साल से स्थिर था। खुदरा ऋण में वृद्धि को तेजी से बढ़ते आवास ऋण से जोरदार समर्थन मिला है। साथ ही खपत ऋण बढ़ा है, क्योंकि बैंक इस सेग्मेंट में कोविड के बाद तेजी से सक्रिय हुए हैं। आगे हम उम्मीद करते हैं कि घरेलू स्रोतों से पुनर्वित्तपोषण बढ़ेगा, खासकर बैंकों की ओर से। इसकी वजह यह है कि विदेश से पुनर्वित्तपोषण में सख्ती आई है।’ वहीं इस अवधि के दौरान बैंकों में जमा 1.59 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। इसके कारण बैंकों में जमा 167.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष में अब तक बैंकों में 2.5 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सालाना आधार पर बैंकिंग व्यवस्था में जमा में बढ़ोतरी 9.3 प्रतिशत रही है और ऋण जमा अनुपात का अंतर इस पखवाड़े में पिछले पखवाड़े की तुलना में बढ़ गया है।
20 मई, 2022 तक ऋण वृद्धि सालाना आधार पर 12.1 प्रतिशत रही है, जो एक साल पहले के 6 प्रतिशत की तुलना में दोगुने से ज्यादा है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘हम कर्ज में संतोषजनक वृद्धि देख रहे हैं। हाल के आंकड़ों के मुताबिक यह सालाना आधार पर करीब 12 प्रतिशत है। पिछले साल इस वक्त ऋण में वृद्धि 5-6 प्रतिशत थी।’ व्यवस्था में बैंक ऋण दो अंकों में बढ़ रही है, क्योंकि ब्याज दरें बढ़ रही हैं। रिजर्व बैंक ने नीतिगत रीपो दर में 90 आधार अंक की बढ़ोतरी कर दी है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सके।
