कोविड संक्रमण के मामले रोजाना 3,00,000 के पार जाने के साथ ही बैंकों ने शाखा खोलने के घंटों में कमी लाने और कर्मचारियों की उपस्थिति को घटाकर 50 फीसदी करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बुधवार को हुई बैठक में भारतीय बैंक संघ ने लिया और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और बैंककर्मियों के तेजी से संक्रमित होने के मामलों को देखते हुए बैंकों को मानक परिचालन प्रक्रियाएं भेज दी गई है।
बैंक संगठन ने बैंकों को सूचित किया है कि बैंक शाखाएं अब सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी।
बैंक चार अनिवार्य काम करेंगे जिसमें जमाएं स्वीकार करना, नकदी निकासी, विप्रेषण और सरकारी काम शामिल है।
आईबीए ने बैंकों को लिखे पत्र में कहा, ‘बैंकों के काम के घंटों को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सीमित किया जा सकता है। घर तक बैंकिंग गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।’
बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस पत्र की समीक्षा की है। इसमें कहा गया है, ‘चूंकि फिलहाल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया गया है और संबंधित राज्यों की सरकारें परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रासंगिक दिशानिर्देश जारी कर रही हैं ऐसे में आईबीए की प्रबंध समिति का परामर्श है कि राज्य स्तरीय बैंकर समितियां (एसएलबीसी) परिस्थिति और संबंधित राज्यों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एसओपी में बदलाव कर सकती हैं।’
एसओपी में कहा गया है कि कर्मचारियों को एक चक्रीय आधार पर बुलाया जा सकता है या उन्हें घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है जो कार्य की प्रकृति पर निर्भर करता है। इसमें कहा गया है कि आदर्श रूप में 50 फीसदी कर्मचारियों को चक्रीय आधार पर काम पर बुलाया जा सकता है। आईबीए ने कर्मचारियों से अपना और अपने परिवार के सदस्यों का टीकाकरण कराने का भी अनुरोध किया है।
आईबीए के ये निर्देश बैंक कर्मचारी संघों की ओर इस महीने के आरंभ में लिखे गए पत्र के आलोक में जारी किए गए हैं। बैंक संघों ने पत्र में दैनिक संक्रमणों में उछाल को देखते हुए नए सिरे से एसओपी जारी करने का अनुरोध किया था। पिछले वर्ष इस महामारी से 600 बैंककर्मियों की जान चली गई थी और आईबीए की ओर से जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि बैंकिंग उद्योग में मृत्यु का प्रतिशत समूचे देश की तुलना में अधिक है।
आईबीए ने अब बैंकों से अस्पतालों में भी ऐसी व्यवस्था तलाशने के लिए कहा है जिससे कि कोविड संक्रमण से ग्रस्त होने वाले कर्मचारी और गहन चिकित्सा जरूरत वाले कर्मचारी को सभी आपात चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
पत्र में कहा गया है, ‘सामाजिक दूरी, ग्राहकों का प्रबंधन, स्वास्थ्य और स्वच्छता, मास्क और दस्ताने आदि पहनने संबंधी सभी एसओपी को हमारे पिछले एसओपी में रेखांकित किया गया है जिसका सभी बैंक परिसरों में कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।’
संघ ने कहा कि बैंकिंग गतिविधियों में सुधार आ रहा था लेकिन कोरोनावायरस के नए प्रतिरूप के अचानक से घुसपैठ करने से बैंकिंग और बैंक कर्मचारियों को इसका सामना करना पड़ रहा है। ऐसा देखा गया है कि बैंक कर्मचारियों में संक्रमण की दरें काफी अधिक है।
लॉकडाउन का होगा प्रतिकूल असर : एसऐंडपी
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसके साथ उसने व्यापक लॉकडाउन के अर्थव्यवस्था पर ‘उल्लेखनीय’ प्रभाव को लेकर आशंका भी जताई है।
एशिया-प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर रिपोर्ट में एसऐंडपी ने कहा कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह महामारी एक बड़ा जोखिम है। हालिया सप्ताहों में महामारी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और देश इस समय कोविड की दूसरी लहर की गिरफ्त में आ गया है। एसऐंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है, 2021 के लिए हमारा वृद्धि दर का अनुमान 11 प्रतिशत है। भाषा