पिछले साल सितंबर में शुरू हुए अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क पर नौ ऋणदाता आ चुके हैं, ये सभी निजी क्षेत्र के हैं। अलबत्ता सार्वजनिक क्षेत्र के 12 ऋणदाताओं में से पांच ऋणदाता इस पर परिचालन शुरू करने के लिए अपने प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं के साथ काम कर रहे हैं। एए नेटवर्क का उद्देश्य अधिक से अधिक बैंकों को इस व्यवस्था में शामिल करना है और आगे चलकर बीमा कंपनियों जैसी वित्तीय क्षेत्र की अन्य कंपनियों तक पहुंचना है।
गैर-लाभकारी कंपनी और अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क के लिहाज से उद्योग के गठबंधन – सहमति के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी बीजी महेश ने कहा ‘देश के 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से पांच सक्रिय रूप से अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली में शामिल होने की दिशा में काम कर रहे हैं। वे इसे क्रियान्वित कराने के लिए अपने प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं के साथ काम कर रहे हैं।’ ये पांच बैंक हैं – भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नैशनल बैंक और केनरा बैंक।
महेश ने कहा कि आगे चलकर हमारी प्राथमिकता और अधिक बैंकों को इस नेटवर्क पर लाने की है तथा इस पर काम शुरू करने वाले हर बैंक के साथ मिलकर हम इसे विभिन्न उत्पादों में लागू करने के लिए काम करेंगे। हम बीमा कंपनियों के साथ शुरुआत करते हुए बड़े स्तर विभिन्न क्षेत्रों में भी जाना चाहते हैं। पिछले कुछेक सप्ताह में हम चार से पांच ऐसी बीमा कंपनियों से मिले हैं, जिन्होंने पहले से ही अपना कार्यान्वयन शुरू कर दिया है और उनमें से एक नेटवर्क पर काम शुरू करने वाली है। बीमा क्षेत्र इस एए प्रणाली के संबंध में बहुत प्रतिबद्ध और आशावान है।
निजी क्षेत्र के बड़े ऋणदाताओं में से एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड बैंक एए प्रणाली पर मौजूद हैं। अन्य बैंक जैसे फेडरल बैंक, आईडीएफसी फस्र्ट बैंक, एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक और करूर वैश्य बैंक इस पर मौजूद हैं। इस एए नेटवर्क पर सक्रिय रूप से काम शुरू कर चुके ऋणदाताओं ने अब तक वाहन और लघु व्यवसाय ऋणों में इस एए ढांचे के जरिये 250 करोड़ का ऋण वितरण किया है।
सहमति के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी) के खाता मालिकों द्वारा करीब 2,48,000 खाते एए प्रणाली से जोड़े जा चुके हैं और वित्तीय सूचना उपयोगकर्ताओं (एफआईयू) के तकरीब 2,30,000 स्वीकृति अनुरोधों को पूरा किया जा चुका है। एए प्रणाली में साप्ताहिक आधार पर 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
अकाउंट एग्रीगेटर अनिवार्य रूप से लाइसेंस प्राप्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां होती हैं, जो ग्राहकों की स्पष्ट सहमति से एफआईपी और एफआईयू के बीच वित्तीय आंकड़ों का तत्काल आदान-प्रदान सक्षम बनाती हैं। परिचालन लाइसेंस के साथ पांच एए हैं, जिनमें कैम्सफिनसर्व, फिनवीयू, वनमनी, एनईएसएल एसेट डेटा और अनुमति शामिल हैं। पांच अन्य एए को सैद्धांतिक रूप से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें फोनपे, एनएसडीएल ई-गवर्नेंस, टैली, योडली फिनसॉफ्ट और सीआरआईएफ कनेक्ट शामिल हैं।
