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क्या Angel Tax के कारण खतरे में हैं भारतीय स्टार्टअप्स?

Last Updated- March 22, 2023 | 12:26 PM IST
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हाल ही में सरकार ने स्टार्टअप्स में विदेशी निवेश के नियमों को सख्त बना दिया है। नियमों में इस बदलाव ने स्टार्टअप्स से लेकर वेंचर कैपिटल (VC) इनवेस्टर्स को चिंता में डाल दिया है। स्टार्टअप्स के लिए चिंता का विषय बन गया है एंजेल टैक्स।

क्या होता है एंजेल टैक्स और कैसे स्टार्टअप्स को इस कारण दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है आइए डिटेल में जानते हैं-
एंजेल टैक्स क्या है?

एंजेल टैक्स रीजीम की शुरुआत 2012 में हुई थी। मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के मकसद से इसे लागू किया गया था। अगर कोई स्टार्टअप एंजेल इनवेस्टर्स से फंड जुटाता है और यह फंडिंग शेयर की फेयर वैल्यू से ज्यादा पर होती है तो इस पर टैक्स लगाया जा सकता है।

ऐंजल इन्वेस्टर्स स्टार्टअप के लिए फाइनेंशियल मदद उपलब्ध कराते हैं। अक्सर देखा जाता है कि ऐंजल इन्वेस्टर, स्टार्टअप शुरु करने वाले के परिवार और मित्रों के बीच से ही होते हैं। अब तक स्टार्टअप्स के दो तरह के इनवेस्टर्स को एंजेल टैक्स से छूट हासिल थी। इनमें इंडिया में अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (AIF) के रूप में रजिस्टर्ड VC फर्म्स और सभी विदेशी इनवेस्टर्स शामिल थे।

बजट 2023 में फॉरेन इनवेस्टर्स को मिली छूट खत्म की गई
यूनियन बजट 2023 के फाइनेंस बिल में एक संशोधन के जरिए सरकार ने फॉरेन इनवेस्टर्स को मिली टैक्स छूट खत्म कर दी है। इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स के मुताबिक, इंडिया में स्टार्टअप्स में होने वाला 90 फीसदी इनवेस्टमेंट विदेश सोर्सेज से होता है।

स्टार्ट अप इंडस्ट्री का मानना है कि विदेशी निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट खत्म हो जाने से स्टार्टअप्स की गतिविधियों पर निगेटिव असर पड़ेगा। उन्हें सैलरी एडवान्सेज, स्टॉक एमएंडए, सब्सिडियरी बनाने या ESOP ट्रस्ट में कंट्रिब्यूट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

एक बड़ा असर यह हो सकता है कि एंजेल टैक्स के असर से बचने के लिए आंत्रप्रेन्योर्स विदेश में शिफ्ट होने की कोशिश कर सकते हैं, जहां इस तरह के टैक्स के नियम लागू नहीं हैं।

First Published - March 22, 2023 | 12:12 PM IST

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