चुनाव

Electoral Bonds का डेटा सार्वजनिक करने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- मैं डेटा को…

CEC राजीव कुमार ने कहा, "हमने अदालत में कहा कि हम पारदर्शिता के पक्ष में हैं।"

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 13, 2024 | 6:36 PM IST

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग चुनावी बांड से जुड़ी सभी जानकारी समय पर सार्वजनिक करेगा। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण सौंप दिया है।

कुमार ने कहा कि वह फिर से डेटा देखेंगे और निश्चित रूप से समय पर इसका खुलासा करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 मार्च तक चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग “पारदर्शिता के पक्ष में” रहा है।

चुनाव आयोग चुनावी बांड पर पारदर्शिता के पक्ष में

CEC राजीव कुमार ने कहा, “हमने अदालत में कहा कि हम पारदर्शिता के पक्ष में हैं। चुनाव आयोग और जिला मजिस्ट्रेट जो भी करते हैं, वह डिस्क्लोजर पर आधारित होता है। जनता और मतदाता जानने के हकदार हैं कि राजनीतिक दलों को कौन पैसा दे रहा है। चुनाव आयोग हमेशा पारदर्शिता के पक्ष में रहा है और चुनावी बांड मामले में भी हमारा रुख यही था।”

SBI अध्यक्ष द्वारा हलफनामा दायर करने के बाद चुनाव आयोग ने कहा कि वो डेटा का विश्लेषण करेंगे। SBI ने 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक खरीदे और रिडीम किए गए चुनावी बांडों का डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है।

Also Read: मनोहर लाल खट्टर की जगह भाजपा के प्रदेश प्रमुख नायब सिंह सैनी बने हरियाणा का नए मुख्यमंत्री, 5 मंत्रियों ने भी ली शपथ

कोर्ट ने फरवरी 2024 में चुनावी बांड स्कीम को रद्द किया था

सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में केंद्र सरकार की चुनावी बांड स्कीम को रद्द कर दिया था। इस योजना के तहत राजनीतिक दलों को गुमनाम तरीके से चंदा मिलता था। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को तुरंत चुनावी बांड जारी करना बंद करने का भी आदेश दिया था।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बांड योजना के तहत जारी किए गए सभी बांडों का डेटा देने का आदेश दिया था। जिसमें भुनाने की तारीख और चुनावी बांड का मूल्य शामिल होगा।

First Published : March 13, 2024 | 6:36 PM IST