MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों से करीब तीन महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। मंत्रिमंडल में तीन नये मंत्रियों को शामिल किया गया है, इन्हें शनिवार सुबह राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शपथ दिलाई। नये मंत्रियों में महाकौशल और विंध्य के कद्दावर नेता गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ला के अलावा बुंदेलखंड के राहुल लोधी शामिल हैं।
गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ला को अपने-अपने क्षेत्र के सबसे बड़े नेताओं में गिना जाता है और 2018 के विधानसभा चुनावों में विंध्य इलाके में भारतीय जनता पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन का श्रेय भी राजेंद्र शुक्ला को दिया जाता है लेकिन विभिन्न समीकरणों के चलते उन्हें इस सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।
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मंत्रिमंडल विस्तार पर तंज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कमल नाथ ने कहा, ‘ये मंत्रिमंडल नहीं, भ्रष्टाचार की मित्रमंडली का विस्तार है।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘जब कार्यकाल हो रहा है समाप्त और गिरने वाली है सरकार, तब मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का हो रहा है विस्तार। विदाई के समय स्वागत गीत गाने वाली भाजपा सरकार अब विस्तार क्या, पूरा मंत्रिमंडल भी बदल दे तो भी हार निश्चित है।’
राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस इस मंत्रिमंडल विस्तार को जातीय संतुलन की मजबूरी करार देते हैं। थॉमस कहते हैं, ‘मौजूदा मंत्रिमंडल में लोधी समाज का एक भी विधायक मंत्री नहीं बनाया गया था। उमा भारती भी शराबबंदी को लेकर लगातार शिवराज सिंह की सरकार को कठघरे में खड़ा करती रही हैं। वह कई बार इस मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन नहीं होने की बात खुलकर कह चुकी हैं।’
थॉमस के मुताबिक 2018 के चुनाव में विंध्य में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद सभी समीकरण सही न बैठने के कारण राजेंद्र शुक्ला को मंत्री नहीं बनाया गया था। इस बार पार्टी की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट एंटी- इन्कम्बेंसी की बात कर रही है इसलिए विंध्य के ब्राह्मण और सवर्ण मतदाताओं को साधने के लिए शुक्ला को मंत्री बनाया गया है। वहीं बिसेन को पार्टी का बड़ा ओबीसी चेहरा माना जाता है।
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