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Lok Sabha Election 2024, Maharashtra: महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर 20 मई को आखिरी चरण के साथ चुनाव संपन्न हो गया है। अब सियासी दलों को 4 जून का इंतजार है जिस दिन नतीजे आएंगे लेकिन महायुति (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी) के घटक दलों के बीच उसके पहले ही हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने अजित पवार की एनसीपी पर सहयोग न करने का आरोप लगा है तो एनसीपी 27 मई को अपने नेताओं की बैठक बुलाई है । इसके साथ ही शिवसेना नेता अपने ही सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मावल लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना के उम्मीदवार श्रीरंग बारणे ने आरोप लगाया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कुछ कार्यकर्ताओं ने गठबंधन पार्टी के हिस्से के रुप में उनके लिए प्रचार नहीं किया। इसके जवाब में एनसीपी विधायक सुनील शेलके ने कहा कि श्रीरंग बारणे को अपनी विफलता छिपाने के लिए हमारे पदाधिकारियों पर आरोप नहीं लगाना चाहिए, एनसीपी ने उनके लिए कड़ी मेहनत की है। उन्हे इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि मतदाताओं में उनके खिलाफ असंतोष था।
लोकसभा चुनाव के बाद अजित पवार ने 27 तारीख को मुंबई में पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक में लोकसभा चुनाव पर चर्चा होगी। राज्य में सहयोगियों के सहयोग और मतदान पर चर्चा होगी। बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि क्या गठबंधन में शामिल घटक दलों ने वोटिंग में मदद की या नहीं की।
सबसे ज्यादा चर्चा बारामती लोकसभा सीट की है जहां से उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार मैदान में हैं । महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी एनसीपी एनडीए का हिस्सा है। एनसीपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा । अजित पवार गुट को एनडीए में सीट शेयरिंग के तहत चार लोकसभा सीटें दी गई थीं ।
शिवसेना नेता शिशिर शिंदे ने पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे एवं मुंबई उत्तर पश्चिम से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर के पक्ष में बोलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले संगठन के हितों को क्षति पहुंचाई है तथा उन्हें पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की।
शिशिर शिंदे ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कि कीर्तिकर ने अपने बेटे के पक्ष में बोलते हुए मुख्यमंत्री की आलोचना की। पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने कहा कि गजानन कीर्तिकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने नतमस्तक होने के लिए उतावले हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेता एकनाथ शिंदे हैं और उन्हें उदाहरण पेश करना चाहिए। हमें गजानन कीर्तिकर जैसे वरिष्ठ नेता से भी यही उम्मीद थी।
कीर्तिकर ने कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे ने उनके बेटे अमोल को विधान पार्षद बनाने का प्रस्ताव दिया था और उन्हें पार्टी में शामिल होने को कहा था। उन्होंने इनकार कर दिया क्योंकि वह एक वफादार हैं। मुझे नहीं लगता कि मैंने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है। गजानन कीर्तिकर ने 2014 से दो बार मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। शिवसेना में विभाजन के बाद कीर्तिकर ने मुख्यमंत्री शिंदे के साथ हाथ मिलाया, जबकि उनका बेटा ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ रहा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पहले चरण में 63.71 फीसदी, दूसरे चरण में 62.71 फीसदी, तीसरे चरण में 63.55 फीसदी, चौथे चरण में 62.21 फीसदी और पांचवें एवं आखिरी चरण में 54.33 फीसदी मतदान हुआ।