जीत के बाद जदयू कार्यकर्ता
वर्ष 2025 का बिहार चुनाव, राज्य के हालिया इतिहास की सबसे प्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में से एक था। राज्य में नागरिकों ने बड़ी संख्या में मतदान किया, जिससे मतदाताओं की भागीदारी बेहद प्रभावशाली 66.9 प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंच गई। शुक्रवार की शाम 7:40 बजे तक, परिणामों से संकेत मिले कि घोषित167 विजेताओं में से 131 उम्मीदवार दोबारा चुने गए हैं, जबकि 76 निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे का अभी इंतजार किया जा रहा था।
जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मत प्रतिशत में तेज वृद्धि देखी गई, उनमें रुपौली सबसे आगे रहा। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने एक बार फिर जीत हासिल की, जिसमें उसकी वोट हिस्सेदारी वर्ष 2020 के 34.5 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2025 में 55.5 प्रतिशत हो गया जो एक उल्लेखनीय 20.9 प्रतिशत की तेजी थी।
अमरपुर निर्वाचन क्षेत्र ने भी जदयू को मजबूत बढ़त दी जहां उसकी वोट हिस्सेदारी 33.1 प्रतिशत से बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गई जो 20.6 प्रतिशत की बढ़ता को दर्शाता है। इस बीच, बाढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीसरी सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की जो 32.9 प्रतिशत से बढ़कर 52.5 प्रतिशत हो गई यानी इसमें19.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
दूसरी ओर, कई निर्वाचन क्षेत्रों में उसी पार्टी के फिर से चुने जाने के बावजूद वोट हिस्सेदारी में कमी आई। बहादुरगंज में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने अपनी सीट बरकरार रखी लेकिन इसने वोट हिस्सेदारी में कमी दर्ज की जो वर्ष 2020 के 49.8 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2025 के चुनाव में 40.2 प्रतिशत हो गया, यानी कुल 9.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
अमौर में भी एआईएमआईएम को झटका लगा, जहां उसकी वोट हिस्सेदारी 51.2 प्रतिशत से कम होकर 43.5 प्रतिशत हो गई यानी 7.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह, कोचाधामन में एआईएमआईएम की वोट हिस्सेदारी 49.5 प्रतिशत से घटकर 42.3 प्रतिशत हो गई जो वोट हिस्सेदारी में 7.1 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।