देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.51 अरब डॉलर बढ़कर 658.09 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पहले के सप्ताह में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.31 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 656.58 अरब डॉलर रहा था। इसके भी पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड 17.76 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था।
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (foreign currency assets) 2.06 अरब डॉलर बढ़कर 568.85 अरब डॉलर रही। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 59.5 करोड़ डॉलर घटकर 66.98 अरब डॉलर रहा। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 2.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.01 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 2.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.25 अरब डॉलर रहा।
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बता दें कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार आठवें सप्ताह गिरकर 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 656.582 अरब डॉलर के कई महीनों के निचले स्तर पर आ गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में 1.31 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। 15 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 17.761 अरब डॉलर घटकर 657.892 अरब डॉलर रह गया था।
सितंबर के अंत में 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुके विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कई हफ्तों से गिरावट आ रही थी, ऐसे समय में जब रुपया भी दबाव में है। जिसका कारण अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना और विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को सीमित करने के लिए केंद्रीय बैंक की डॉलर बिक्री थी। 2024 में, घरेलू मुद्रा रूपया, डॉलर के मुकाबले 1.52 प्रतिशत कमजोर हुआ। विदेशी मुद्रा भंडार में इससे पहले सर्वाधिक साप्ताहिक गिरावट 15.5 बिलियन डॉलर की थी, जो वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 24 अक्टूबर 2008 को समाप्त सप्ताह में दर्ज की गई थी।
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पिछले दो महीनों (27 सितंबर से) में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 48 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घरेलू मुद्रा को डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में भारी हस्तक्षेप किया है। 27 सितंबर को 705 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आई। विशेषज्ञों का कहना था कि मजबूत डॉलर सूचकांक (stronger dollar index)और पूंजी बहिर्वाह (capital outflows)ने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट में योगदान दिया है।