भारत में थोक महंगाई दर लगातार उच्च स्तर पर बनी हुई है। हालांकि जून महीने में इसमें मामूली कमी आई है और मई के रिकॉर्ड 12.94 प्रतिशत से घटकर यह जून में 12.07 प्रतिशत रह गई है। आज सरकार की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि ईंधन और जिंसों के दाम में तेजी बनी हुई है।
जून, 2020 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर शून्य से 1.81 प्रतिशत नीचे थी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘जून 2021 में महंगाई की उच्च दर मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव और पेट्रोल, डीजल (एचएसडी), नेफ्था, एटीएफ, फर्नेस ऑयल जैसे खनिज तेलों और मूल धातु, खाद्य उत्पाद, रासायनिक उत्पाद जैसे विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के कारण है।’
थोक महंगाई दर जनवरी से लगातार बढ़ रही है और जून लगातार तीसरा महीना है, जब महंगाई दो अंकों से ऊपर बनी हुई है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘पहली बात यह है कि 2011-12 के आधार पर थोक महंगाई दर अप्रैल, 2021 से पहले दो अंकों में नहीं देखी गई थी, दूसरे, इस तरह से बढ़ी हुई महंगाई लगातार 3 महीने तक पहले कभी नहीं रही है। इसके पहले थोक महंगाई जनवरी 2013 से मार्च 2013 के दौरान लगातार 3 माह तक उच्च स्तर पर 8 से 8.6 प्रतिशत रही थी।’
जून महीने में खाद्य पदार्थों की महंगाई घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई, जो मई में 4.31 प्रतिशत और जून, 2020 में 2.1 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली की महंगाई मई से ही बढ़ रही है और यह जून में 32.83 प्रतिशथ तही, जो एक महीने पहले 37.61 प्रतिशत थी। इसकी वजह यह है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम और पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हुए हैं।
प्राथमिक वस्तुएं, जिनकी हिस्सेदारी थोक मूल्य सूचकांक में पांचवां हिस्सा होती है, जून में 7.74 प्रतिशत रही, जो मई में 9.6 प्रतिशत और एक साल पहले -0.1 प्रतिशत थी। दलहन, अंडे, मांस, मछली की कीमतें बढ़ी हुई बनी हैं, हालांकि पिछले माह की तुलना में कमी आई है।
केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई दर इस माह के दौरान राहत के संकेत दे रही हैं। बहरहाल अंतराष्ट्रीय व घरेलू स्तर पर तेल के दाम मजबूत बने हुए हैं और विनिर्माताओं की कीमतों को लेकर ताकत और पिछले साल के कम आधार के कारण नजदीक के हिसाब से महंगाई बढ़ी रहने की संभावना है।’
विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी 10.88 प्रतिशत पर स्थिर है, जो एक महीने पहले 10.83 प्रतिशत थी। इसकी सूचकांक में हिस्सेदारी दो तिहाई होती है।
अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि थोक महंगाई दर अगले कुछ महीनों तक बढ़ी हुई बनी रहेगी।